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पुणे विस्फोट कांड में लश्कर ए तैयबा के दो सदस्य गिरफ्तार

पुणे स्थित जर्मन बेकरी में विस्फोट होने के करीब सात महीने बाद महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने लश्कर ए तैयबा के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर इस मामले को सुलझाने का दावा किया.

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पुणे स्थित जर्मन बेकरी में विस्फोट होने के करीब सात महीने बाद महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने लश्कर ए तैयबा के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर इस मामले को सुलझाने का दावा किया.

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महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख राकेश मारिया ने बताया महाराष्ट्र लश्कर ए तैयबा मॉड्युल के प्रमुख मिर्जा हिमायत बेग (29) को मंगलवार दोपहर पुणे में महात्मा गांधी बस पड़ाव से गिरफ्तार किया गया, जबकि उसके सहयोगी शेख लालबाबा मोहम्मद हुसैन उर्फ बिलाल को बीती रात नासिक में सुभाष चंद्र बोस मार्ग पर गिरफ्तार किया गया.

उन्होंने बताया, ‘इन दोनों लोगों ने पुणे विस्फोट की साजिश रचने में अहम भूमिका निभाई थी. जनवरी में लातूर जिले के उदगीर शहर में यह साजिश रची गई थी.’

बाद में, पुणे की अदालत ने बेग को 20 सितंबर तक के लिये पुलिस हिरासत में भेज दिया. मारिया ने बताया कि एटीएस की टीम ने इस विस्फोट कांड की जांच के लिये कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, केरल, गुजरात और दमण के कई स्थानों तथा अन्य राज्यों का दौरा किया. उन्होंने बताया कि दोनों लोगों के पास से दो किलोग्राम आरडीएक्स, सोल्डरिंग तार, कटर, लश्कर ए तैयबा का साहित्य, बम बनाने की विधि, 1,200 अमेरिकी डॉलर, 10,500 रुपया नकद, फर्जी दस्तावेजों पर लिये गये सिम कार्ड, मोबाइल फोन, पेन ड्राइव बरामद किया गया है. {mospagebreak}

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बेग ने जर्मन बेकरी की टोह ली थी और वह इंडियन मुजाहिदीन के एक प्रमुख मोहम्मद अहमद जरार सिद्दीबाप्पा उर्फ यासिन के साथ बम रखने के कार्य में भी शामिल था. गौरतलब है कि उसने जर्मन बेकरी में विस्फोट की साजिश रचने तथा इसे अंजाम देने के लिये वर्ष 2006 के औरंगाबाद हथियार कांड के आरोपियों को तथा इंडियन मुजाहिदीन के मॉड्यूल को एकजुट किया था.

मारिया ने बताया कि शेख जनवरी 2008 में और वर्ष 2010 के शुरूआत में पाकिस्तान स्थित लश्कर ए तैयबा के शिविरों में गया था, जहां उसने अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल तथा बम बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया था. शेख ने इस अवधि में बांग्लादेश और नेपाल सीमा से भारत में तीन बार प्रवेश किया. मारिया ने बताया कि आरडीक्स युक्त बम से विस्फोट करने के लिये एक ‘मोबाइल अलार्म टाइमर’ का इस्तेमाल किया गया था. {mospagebreak}

हालांकि, मोहम्मद अहमद उर्फ यासीन की तस्वीर रेस्तरां में लगे सीसीटीवी कैमरे में दर्ज हो गई थी. उन्होंने बताया कि मोहम्मद जब बम रखने के लिये बेकरी के अंदर गया था, उस वक्त बेग बाहर खड़ा था. मारिया ने बताया, ‘जनवरी में बेग ने मोहम्मद अहमद और इंडियन मुजाहिदीन के एक अन्य सदस्य मोहसिन चौधरी के साथ लातूर जिले के उदगीर केफे में एक बैठक की. यह बैठक उन्होंने अपने निशाने को चुनने के लिये की थी. उन्होंने बताया, ‘तीन फरवरी को उदगीर में एक और बैठक की गई.

सात फरवरी से उन्होंने बमों को तैयार कर दिया और इन बमों को विस्फोट से एक दिन पहले पुणे लाया गया था. 13 फरवरी को मोहम्मद अहमद शाम के लगभग चार बजे बम को बेकरी ले गया और कुछ मिनटों बाद उसे वहां रख दिया.’ इस विस्फोट में 17 लोगों की मौत हो गई थी तथा 56 अन्य घायल हो गये थे.

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