बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार के दौरान पूरे मुंबई में बंद को लेकर फेसबुक पर टिप्पणी करने वाली दो लड़कियों की गिरफ्तारी के मामले में एक पुलिस अधीक्षक सहित दो पुलिस अधिकरियों को निलंबित कर दिया गया है.
दूसरी ओर, इस मामले में दोनों लड़कियों को हिरासत में भेजने वाले न्यायिक मजिस्ट्रेट को भी स्थानांतरित कर दिया गया है.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री आरआर पाटिल ने संवाददाताओं को बताया कि पुलिस अधीक्षक (थाणे ग्रामीण) रवींद्र सेनगांवकर और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्रीकांत पिंगले को इस मामले में निलंबित कर किया गया है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस मामले में विभागीय जांच जल्द से जल्द से पूरी की जाएगी.
पाटिल के अनुसार ड्यूटी में लापरवाही बरतने के मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संग्राम निशानदर को लिखित तौर पर चेतावनी देने के साथ ही उन्हें फटकार लगाई गई है. उन्होंने कहा कि कानूनी परामर्श लेने के बाद यह कार्रवाई की गई है.
गृह मंत्री ने कहा, ‘गलत धाराओं के तहत दोनों लड़कियों को आरोपी बनाने की कोई जरूरत नहीं थी. वरिष्ठ अधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि कौन से आरोपों को हटाया जा सकता है.’
इससे पहले बंबई हाई कोर्ट ने दोनों लड़कियों को हिरासत में भेजने वाले न्यायिक मजिस्ट्रेट आर जी बगाडे का स्थानांतरण कर दिया. न्यायालय ने के पंजीयक ने कल आदेश जारी करके कहा कि बगाडे को तत्काल प्रभाव से इसी पद पर जलगांव स्थानांतरित किया जाता है.
ठाकरे के अंतिम संस्कार के दौरान मुंबई बंद होने को लेकर शाहीन ढाडा ने फेसबुक पर टिप्पणी की थी और रीनू ने उसे लाइक किया था. इसी कारण 21 वर्षीय दोनों लड़कियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. शाहीन ने अपनी फेसबुक टिप्पणी कहीं भी दिवंगत ठाकरे का नाम नहीं लिया था.
यही नहीं शाहीन के चाचा के अस्पताल में भी तोड़फोड़ की गई थी. पुलिस तोड़फोड़ के मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है.
दोनों लड़कियों की गिरफ्तारी को लेकर बड़ी बहस छिड़ गई थी. कई जानकारों का कहना था कि न्यायाधीश बगाडे को दोनों लड़कियों को बरी कर देना चाहिए था क्योंकि उन्हें गलत धाराओं में आरोपी बनाया गया था.