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सपनों की खातिर घर छोड़ा और हो गया लव जेहाद

'भैया हो सके तो मुझे माफ कर देना. मेरे पास कोई रास्‍ता नहीं था, मैं मुंबई जा रहा हूं. मैं अब एक कामयाब सिंगर बनकर आपको ऑनलाइन नजर आऊंगा.'

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'भैया हो सके तो मुझे माफ कर देना. मेरे पास कोई रास्‍ता नहीं था, मैं मुंबई जा रहा हूं. मैं अब एक कामयाब सिंगर बनकर आपको ऑनलाइन नजर आऊंगा.'

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ये उस पत्र का हिस्‍सा है जो मेरठ के एक 15 साल के मुसलमान लड़के ने लिखा. ये लड़का अपनी क्‍लासमेट के साथ टीचर्स डे के दिन से लापता है और इससे जिले में लव जेहाद की शंका से सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है. पुलिस ने उन्‍हें जयपुर से पकड़ा.

इंडियन एक्‍सप्रेस अखबार में छपी खबर के मुताबिक दोनों कक्षा दसवीं के छात्र हैं. पुलिस ने बताया दोनों एक ही क्‍लास में पढ़ते हैं और अच्‍छे दोस्‍त हैं. नौचंदी पुलिस स्‍टेशन के एसएचओ विनोद कुमार सिंह ने बताया, 'इसमें प्‍यार की कोई कहानी नहीं है. लड़की ने अपने बयान में कहा कि वह अपनी इच्‍छा से लड़के साथ गई थी और लड़के ने उसका कोई फायदा नहीं उठाया है.'

लड़के के ऊपर आईपीसी की धारा 363 (अपहरण) केस दर्ज कर उसे कोर्ट में भेज दिया गया है. यहीं, अदालत के सामने लड़की भी अपना बयान देगी. दोनों के गायब होने की खबर फैलते ही मेरठ की सड़कों पर सांप्रदायिक फसाद शुरू हो गया था. घर से सिंगर बनने के लिए निकले 15 साल के लड़के के आठ भाई बहन हैं, उनके पिता महाराष्‍ट्र में कारपेंटर का काम करते हैं. सभी बच्‍चों को 30 साल का बड़ा भाई देखता है.

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उसकी एक बहन ने बताया, 'हमारी मां उसे डांटती थी और उसे हमेशा नमाज पढ़ने की बात कहती रहती थी. घरवालों ने उसकी बात कभी नहीं सुनी, उसके गाने का शौक भी पूरा नहीं किया और अब ऐसे दिन आ गए कि उसको घर छोड़ना पड़ा.' उसकी बहन ने बताया कि वह उससे हमेशा एक म्‍यूजिक स्‍कूल में दाखिला कराने की बात कहता रहता था. बहन ने इस ईद में उसे एक माइक भी दिया था.

उसके भाई ने बताया कि उसके 9वीं में 91 प्रतिशत अंक आए थे, वह ट्यूशंस लेकर आईआईटी में दाखिला लेना चाह रहा था, जिससे आगे चलकर वह एक लाख रुपया महीना कमा सके. वह हमेशा बड़े सपने देखता था.

अपने खत में लड़के ने स्‍कूल की फीस समय पर न भरने की शर्मिंदगी भी जाहिर की थी. पुलिस के मुताबिक लड़के ने स्‍कूल छोड़कर मुंबई जाने और वहां करियर बनाने का प्‍लान अपनी सहपाठी को बताया और वह भी उसके साथ जाने को तैयार हो गई. दोनों घर से निकल तो गए, लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे तो उन्‍होंने जयपुर अपने दोस्‍त से मदद मांगी और वहां गए. पुलिस को इसकी जानकारी फेसबुक से मिली क्‍योंकि उन्‍होंने अपना संदेश फेसबुक के जरिए दिया था क्‍योंकि उनके पास फोन नहीं था.

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पुलिस ने दोनों को 6 सितंबर देर शाम ढूंढ़ निकाला, लेकिन इनकी इस हरकत से मेरठ में हिंसा हुई. कई मुसलमान लोगों की दुकानें तोड़ी गई. कई इलाकों में तोड़फोड़ और मारपीट हुई. पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया है.

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