केंद्र सरकार की कथित 'जनविरोधी' नीतियों के खिलाफ केंद्रीय मजदूर संघों द्वारा आहूत दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन बुधवार को पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं. पुलिस ने बताया कि हावड़ा जिले में स्कूल बसों पर पथराव किया गया. जिसमें दो छात्र घायल हो गए.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ दिया. अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी कोलकाता के जादवपुर में एक बस स्टैंड पर रैली निकालने के लिए बुधवार को एक बार फिर वरिष्ठ माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
मंगलवार को भी हड़ताल के समर्थन में रैली निकालने के लिए चक्रवर्ती को पुलिस ने हिरासत में लिया था और फिर शाम को रिहा कर दिया था. कूच बिहार जिले में हड़ताल समर्थकों ने ऑटो पर पथराव किया, जिसके परिणामस्वरूप चालकों ने अपनी सेवाएं बंद कर दी. वरिष्ठ माकपा और वामपंथी नेताओं ने हड़ताल के समर्थन में राज्य के विभिन्न हिस्सों में जुलूस निकाले.
ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के बाद सुरक्षा के मद्देनजर ममता बनर्जी की सरकार ने राज्य के बस ड्राइवरों से हेलमेट पहनकर बस चलाने की अपील की है. इसके अलावा कई ट्रेन रूट बाधित हैं. हड़ताल के कारण सियालदह-लक्ष्मीकांतापुर नामखाना और डायमंड हार्बर रूट प्रभावित हुआ है. समर्थकों द्वारा ओवरहेड वायर पर केले के पत्तों को फेंके जाने के बाद यह रूट बाधित हो गया.
Visuals from Kolkata-Jadavpur bus stand in Kolkata: State govt directs bus drivers to wear helmet while driving, in view of nationwide strike called by Central Trade Unions demanding minimum wages, social security schemes & against privatisation of public&govt sector. #WestBengal pic.twitter.com/Hsw0tCxhtp
— ANI (@ANI) January 9, 2019
Howrah: Two students injured after protestors participating in the two-day nationwide strike called by Central Trade Unions demanding minimum wages and social security schemes among others, pelt stones at a bus at Shanpur Mor on Jhikira-Howrah route. #WestBengal pic.twitter.com/R3YpOEmUFs
— ANI (@ANI) January 9, 2019
पहले दिन हिंसा की छिटपुट घटनाएं
विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन मंगलवार को पश्चिम बंगाल में छिटपुट घटनाएं हुईं, जबकि मुंबई में सार्वजनिक परिवहन की बसें सड़कों से दूर रहीं. दूसरी तरफ बैंकों का कामकाज आंशिक रूप से प्रभावित हुआ. यूनियनों ने सरकार पर श्रमिकों विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है.
देश के ज्यादातर इलाकों में सामान्य जनजीवन पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा. हालांकि, वामदल शासित केरल में यह आंदोलन पूरी तरह हड़ताल में तब्दील हो गया. वहां स्कूल, कॉलेज बंद रहे और बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुईं. मुंबई में सार्वजनिक परिवहन सेवा बेस्ट के 32,000 से अधिक कर्मचारी मंगलवार को वेतन वृद्धि की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. उनकी यह हड़ताल ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के दिन ही शुरू हुई. इससे करीब 25 लाख दैनिक यात्री प्रभावित हुए.
इस बीच, केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि यदि वे हड़ताल पर जाते हैं और काम पर नहीं आते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
दो प्रमुख बैंक यूनियनों आल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) तथा बैंक एम्पलाइज फेडरेशन आफ इंडिया (बीईएफआई) ने हड़ताल का समर्थन किया है. हड़ताल से उन बैंकों का परिचालन प्रभावित हुआ है जहां इन दोनों यूनियनों का ज्यादा प्रभाव है. हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक और निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज पर असर नहीं पड़ा, क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र की सात अन्य यूनियनें हड़ताल में भाग नहीं ले रही हैं.
हड़ताल की वजह से सरकारी सेवाएं मसलन बिजली आपूर्ति तथा ट्रेन सेवाओं पर असर नहीं पड़ा. हालांकि, कई रेलगाड़ियां देरी से चल रही है. विरोध प्रदर्शन की वजह से पश्चिम बंगाल में ईएमयू और एमईएमयू ट्रेनों में देरी हुई. केरल के दफ्तरों में काफी कम संख्या में कर्मचारी आए. कर्नाटक में हड़ताल का मिलाजुला रुख रहा, जबकि अन्य राज्यों में सामान्य जनजीवन प्रभावित नहीं हुआ.
हड़ताल से ओड़िशा में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ. भुवनेश्वर, कटक, पुरी, बालासोर, जालेश्वर, भद्रक, संबलपुर, बेरहमपुर और पारादीप में आंदोलनरत कर्मचारियों के रेल रोको से ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए थे. वहां एक स्कूल बस पर लोगों ने पथराव किया. कुछ स्थानों पर तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुईं.
कोलकाता सहित राज्य के कुछ हिस्सों में हड़ताली कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला भी फूंका. पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में आंदोलनकारियों ने रेलवे लाइन पर जाम लगा दिया. पुलिस ने बताया कि राजस्थान में एक जापानी कंपनी के कारखाने में संघर्ष में 22 पुलिसकर्मी घायल हो गए. हड़ताल का समर्थन कर रहे कर्मचारियों ने कारखाने में घुसने का प्रयास किया. यूनियन नेताओं का दावा है कि इस घटना में 50 कर्मचारी भी घायल हुए हैं.
बैंक यूनियनों के अनुसार, हड़ताल में हजारों बैंक कर्मचारी शामिल हुए. इस वजह से बैंकों की कई शाखाओं में काउंटर सेवाएं मसलन जमा और निकासी, चेक समाशोधन आदि कामकाज प्रभावित हुआ.
इससे पहले 26 दिसंबर को नौ बैंक यूनियनों ने विजया बैंक और देना बैंक के बैंक आफ बड़ौदा में विलय के खिलाफ एक दिन की हड़ताल की थी. वहीं 21 दिसंबर को आल इंडिया बैंक आफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी) ने हड़ताल की थी.
सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों के करीब 20 करोड़ कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए. हड़ताल नौ जनवरी यानी बुधवार को भी जारी रहेगी. इस हड़ताल को 10 केंद्रीय श्रम संघों का समर्थन है. इनमें एटक , इंटक, एचएमएस, सीटू, एआईटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी शामिल हैं.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी मजदूर यूनियन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) इस हड़ताल में शामिल नहीं है. हड़ताली यूनियनों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने श्रमिकों के मुद्दों पर उसकी 12 सूत्री मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया है. उनका यह भी कहना है कि श्रम मामलों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों के समूह ने दो सितंबर, 2015 के बाद यूनियनों को वार्ता के लिए एक बार भी नहीं बुलाया है.
ये यूनियनें श्रम संघ कानून 1926 में प्रस्तावित संशोधनों का भी विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि इन संशोधनों के बाद यूनियनें स्वतंत्र तरीके से काम नहीं कर सकेंगी.