देश में बाघ की घटती जनसंख्या को बढाने के लिए सालों से जारी प्रयासों को रविवार को उस समय जबरदस्त झटका लगा जब राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थिर रणथम्भौर बाघ अभयारण्य के दो बाघ सवाई माधोपुर और करौली जिले की सीमा पर चिरोली गांव के निकट मृत मिले.
शुरुआती जांच रिपोर्ट में बाइस और चौबीस महिने के नर बाघों के शव के निकट एक शिकार की गई बकरी और बाघ द्वारा की गई उल्टीयां मिलने से अंदाज जगाया जा रहा है कि दोनों बाघों की मौत संभवत विषाक्त प्रदार्थ खाने के कारण हुई है.
राजस्थान के वन एंव पर्यावरण राज्य मंत्री राम लाल जाट ने कहा कि दोनों बाघों की मौत के कारणों की जांच के लिए भरतपुर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर तीन दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिये हैं. उन्होंने कहा कि बाघों के जहरीला पदार्थ खाने के सबूत मिले है लेकिन अंतिम रूप से पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही दोनों बाघों के मरने के बारे में कहा जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि दोनों बाघों के आई डीकालर नही लगी होने के कारण वनकर्मी दो दिनों से दोनों की खोज खबर ले रहे थे. वनकर्मियों को दोनों बाघों के शव मिल हैं. उन्होंने बताया कि भरतपुर के संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमेटी में सवाई माधोपुर के जिला कलेक्टर और राजस्थान के मुख्य वन एंव प्रतिपालक को सदस्य बनाया गया है. कमेटी को तीन दिन में जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को देने के आदेश दिये गये हैं.
इधर वन जीव विशेषज्ञ और बाघ संख्या को बढाने के लिए गठित पूर्व कमेटी के सदस्य राजपाल सिहं ने कहा कि दो बाघों के शव मिलने से बाघों की वंशवृद्धि के लिए जारी अभियान को झटका लगा है. उन्होंने दोनों बाघों की मौत के लिए केन्द्र सरकार द्वारा रणथम्भौर बाघ अभ्यारण्य से बाघों को अन्य स्थानान्तरित नही करने के फैसले को जिम्मेदार ठहराया है.
राजपाल सिहं ने कहा कि सवाई माधोपुर स्थित रणथम्भौर बाघ अभयारण में पिछले दिनों की गणना में 41 बाघ होने की पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि बाघ अपने स्थान को लेकर सजग रहता है. बाघ अभयारण्य में बाघ की संख्या अधिक होने के बावजूद राजस्थान सरकार बाघों को अन्यंत्र अभयारण्य में स्थानान्तरित करने के लिए तैयार थी लेकिन अचानक भारत सरकार के एक पत्र के बाद बाघों को अन्यंत्र स्थानान्तरित करने के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया.
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय भी पांच युवा बाघ अपने स्थान की तलाश के लिए रणथम्भौर अभ्यारण्य की सीमा से बाहर निकले हुए हैं. उन्होंने कहा कि दोनों बाघों ने दो बकरी का शिकार किया है एक बकरी का शव पडा मिला है. उन्होंने कहा कि बाघों के शव के निकट उल्टी मिलने से यह तय है कि बाघों की मौत विषाक्त पदार्थ का सेवन करने से हुई है.