मानवरहित वायु यान (यूएवी) परियोजना पर छत्तीसगढ़ में शुरू होने से पहले ही ग्रहण लग गया है क्योंकि राज्य सरकार मानसूनी वर्षा के बाद पायलटरहित विमानों का पुनर्परीक्षण करना चाहती है जब नक्सली हिंसा प्रभावित राज्य के जंगल काफी घने हो जाएंगे.
राज्य सरकार और केन्द्र ने एक अमेरिकी कंपनी द्वारा निर्मित यूएवी का परीक्षण किया था. इस विमान का इस्तेमाल अमेरिकी सैनिक तालिबान आतंकवादियों को ढूंढ़ने में करते हैं. नक्सल रोधी अभियानों के लिए पहली परीक्षण उड़ान में इस विमान ने बस्तर के घने जंगलों के उपर सफल उड़ान भरी.
इस परीक्षण उड़ान का नजारा न केवल छत्तीसगढ़ और केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने किया बल्कि इस मौके पर मध्य प्रदेश, उड़ीसा, बिहार, झारखंड और आंध्र प्रदेश के भी अधिकारी मौजूद थे. यह सभी राज्य माओवादी हिंसा से प्रभावित हैं. यूएवी के इस्तेमाल को लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने की जल्दबाजी दंतेवाड़ा नरसंहार के चलते हुई जिसमें नक्सलियों ने अप्रैल में 76 सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी.
किसी भी हमले की स्थिति में जमीनी बलों को अभियान के दौरान खुफिया जानकारी देने के मकसद से यूएवी के इस्तेमाल की सिफारिश की गयी थी. गृह मंत्रालय ने यूएवी की परीक्षण उड़ान को लेकर नक्सलियों द्वारा सीआरपीएफ के जवानों को घेरने और 76 की हत्या कर देने के तत्काल बाद फैसला किया था.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार मानसूनी वर्षा के बाद इस विमान की क्षमता की जांच के अलावा कुछ और परीक्षण करना चाहती है. राज्य सरकार का मानना है कि बारिश के बाद जंगल और घने हो जाएंगे और तब इस विमान की क्षमता का आकलन करना उपयुक्त होगा.
सूत्रों ने कहा हालांकि केन्द्र के प्रतिनिधि का यह मानना था कि विमान को तत्काल इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि उन्हें उड़ान के साथ-साथ खुफिया जानकारी मिलती जाएगी. नक्सल प्रभावित इलाकों में खुफिया जानकारी इकट्ठा करना आज भी एक समस्या है. ऐसे में यह विमान खुफिया जानकारियां और ठिकानों के बारे में सूचनाएं मुहैया कराएंगे जो सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा में उपयोगी साबित होंगे.