महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की सियासत अब पूरी तरह उबाल खा रही है. शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के इस आरोप का करारा जवाब दिया है, जिसमें कहा गया कि उद्धव की सीएम बनने की महत्वाकांक्षा की वजह से गठबंधन टूटा. उद्धव ने कहा कि बीजेपी भी तो ऐसा ही चाहती थी कि मुख्यमंत्री उसी की पार्टी का हो.
शिवसेना की रैली में उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा, 'हां, मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री शिवसेना का हो, अगर जनता चाहे. इसमें गलत क्या है? क्या बीजेपी अपना सीएम नहीं चाहती थी?'
गुरुवार को बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने के बाद शनिवार रात अपनी पहली रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि वे मुख्यमंत्री पद के लिए लालायित नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'लेकिन अगर आप मुझे चुनौती देने जा रहे हैं, तो मैं आपको दिखाऊंगा कि मैं आपके गढ़ में चुनाव लड़ूंगा और मुख्यमंत्री बनूंगा.'
उद्धव ने कहा कि बीजेपी लगातार उन सीटों की भी मांग कर रही थी, जो कई साल से शिवसेना की है. उन्होंने सीधे-सीधे नरेंद्र मोदी के खिलाफ तो कुछ नहीं बोला, नहीं बीजेपी पर हमला किया. उन्होंने सवाल किया, 'लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र ने मजबूती के साथ मोदी को वोट दिया, पर बदले में शिवसेना को क्या मिला?...विश्वासघात.'
उद्धव ठाकरे ने कहा, 'आज आपने जो गठबंधन तोड़ा, वह तो राजनीतिक गठबंधन था. लेकिन आपने जिस चीज को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, वह है हिंदुत्व को जोड़ने वाला सूत्र. इसके लिए आपको कोई भी हिंदू माफ नहीं करेगा.'
शिवसेना का बीजेपी के साथ 25 साल पुराना गठबंधन टूटने के कुछ दिनों बाद ही अगले 15 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने वाला है. उद्धव ठाकरे ने अपने मुख्य चुनावी मुद्दे के तौर पर मराठी गौरव के मुद्दे को उठाया. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने पहले से ही गठबंधन को तोड़ने का फैसला कर रखा था.
उद्धव ने कहा कि शिवसेना का प्रमुख होने के नाते उन्होंने आखिर तक गठबंधन को बचाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा, 'मैं महाराष्ट्र से माफी मांगता हूं. उद्धव ठाकरे ने गठबंधन को नहीं तोड़ा. मैंने आखिर तक गठबंधन को बचाने का प्रयास किया.'
उन्होंने उन खबरों का खंडन किया कि उन्होंने मोदी लहर के अस्तित्व को खारिज किया. उद्धव ने कहा अब हकीकत बदल गई है. उन्होंने कहा, 'मैंने कभी नहीं कहा कि कोई मोदी लहर नहीं थी. लेकिन आज हकीकत अलग है. अगर वाकई कोई लहर थी तो हालिया उपचुनावों में उलटे नतीजे क्यों आए?'
इस बीच, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी पार्टी के प्रदेश के नेताओं के साथ मीटिंग की, जिसमें चुनाव की रणनीति पर चर्चा की गई. बताया जा रहा है कि अमित शाह और प्रदेश के अन्य नेताओं ने उद्धव के भाषण को ध्यान से सुना. वैसे अब तक बीजेपी की रणनीति यह है कि वह पब्लिक के बीच शिवसेना की कड़ी आलोचना से बचेगी.
अमित शाह ने महाराष्ट्र बीजेपी नेताओं को आश्वस्त किया है कि प्रदेश में मोदी की कम से कम 15 रैलियां आयोजित की जाएंगी. रैलियों के बारे में पूरी रणनीति 30 सितंबर को बनाई जाएगी, जब प्रधानमंत्री अमेरिकी दौर से लौट आएंगे.