उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को बदजुबानी मंहगी पड़ सकती है. उद्धव के प्रधानमंत्री के खिलाफ बोले गए अपशब्द के लिए चुनाव आयोग ने जांच के आदेश दिए तो राज नासिक में दिए अपने भड़काउ भाषण के लिए चुनाव आयोग के सामने पेश हुए.
गौरतलब है कि शुक्रवार को शिवसेना-भाजपा की पहली साझा रैली मे उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपने भाषण में अपशब्द कहे थे. इस भाषण की जांच के बाद मुंबई सिटी कलेक्टर ने अपनी प्रथमिक जांच मे इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना और पुलिस को मामले की जांच कर कारवाई करने को कहा है. हालांकी शिवसेना का कहना है की उन्हें इस मामले मे अभी तक कोई नोटिस नही मिला है.
वहीं एमएनएस के अध्यक्ष राज ठाकरे पर पहले ही नासिक में भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज हो चुका है. इसी सिलसिले मे अपनी कुछ और समस्यायें लेकर वो चुनाव आयोग से मिले लेकिन मिलने के बाद उन्होंने पूरी प्रक्रिया का मजाक उडाया.
राज भले ही मजाक मे कह रहे हों की वो सरकार के लाडले हैं इसिलिये उनपर बारबार केस दर्ज होते हैं पर इस बार दोनों ही ठाकरे भाईयों पर गलत बयानी के लिये मामले दर्ज हुए हैं. बहरहाल अभी तो चुनाव प्रचार की शुरुआत है अगर ठाकरे बंधुओ ने अपनी जुबान को लगाम नही लगाई तो वो मतदाताओ के पास कम चुनाव आयोग और अदालतों के चक्कर ज्यादा लगाते रहेंगे.