रेप के आरोप से घिरे महाराष्ट्र के डीआईजी सुनील पारस्कर के समर्थन में शिवसेना उतरती नजर आ रही है. उद्धव ठाकरे ने 'सामना' में लिखा है कि महज एक मॉडल के आरोप लगाने से कोई सम्मानित पुलिस अफसर खलनायक नहीं बन जाता.
उद्धव ठाकरे ने यह भी सवाल उठाया है कि मॉडल ने रेप का आरोप आखिर 6 महीने बाद क्यों लगाया? उन्होंने सवाल किया कि क्या मॉडल को यह समझने में 6 महीने लग गए कि उसके साथ रेप हुआ है?
उद्धव ने सामना में लिखा है कि डीआईजी पारस्कर का चरित्र हनन किया जा रहा है. उन्होंने मॉडल की पृष्ठभूमि पर भी सवाल खड़े किए हैं.
आखिर क्या है मामला...
पिछले महीने एक मॉडल ने मुंबई पुलिस के डीआईजी सुनील पारस्कर पर रेप का इलजाम लगाकर हर किसी को सन्न कर दिया था. सीनियर आईपीएस अफसर पारस्कर पर इलजाम है कि एक मॉडल ने किसी मामले में उनसे मदद ली थी. इसी के बाद डीआईजी ने उसका गलत फायदा उठाया. उन्होंने धीरे-धीरे उस मॉडल से दोस्ती की और फिर उसका रेप कर दिया.
मॉडल की शिकायत के बाद सकते में आई मुंबई पुलिस ने फौरन डीआईजी सुनील पारसकर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तगत मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी.
गहराता जा रहा है राज...
वैसे इस केस का राज अब तक पूरी तरह सुलझ नहीं पाया है. आरोप है कि पचास साल से भी अधिक उम्र के सीनियर आईपीएस अफसर और मुंबई पुलिस के डीआईजी सुनील पारसकर एक नहीं, दो-दो मॉडल से घिरे हुए थे. एक मॉडल ने उन पर रेप का आरोप लगा रखा है, जबकि दूसरी मॉडल के बारे में कहा जा रहा है कि उसके साथ नजदीकी की वजह से ही पहली मॉडल से उनका झगड़ा हुआ. यह दूसरी मॉडल कोई और नहीं, बल्कि वही पूनम पांडे हैं.
बहरहाल, उद्धव ठाकरे के ताजा रुख के बाद इस मामले में सियासत गरमाना तय है.