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सामना में उद्धव ठाकरे ने साधा मोदी पर निशाना, लिखा- दिल्ली की राजनीति बहुत जटिल

शनिवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना में उद्धव ठाकरे ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, 'नरेंद्र मोदी कहते हैं कि वे प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब नहीं देखते. यही बात उन्हें अन्य बीजेपी नेताओं को भी समझानी चाहिए.'

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उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे

नरेंद्र मोदी की ख्वाहिशें अब जगजाहिर हैं. बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने बहुत साफ संदेश लोगों तक पहुंचा दिया है कि नरेंद्र मोदी उनकी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं. इसकी बहुत संभावनाएं हैं. लेकिन बीजेपी के भीतर और बाहर दोनों जगह मोदी को आलोचनाओं से दो-चार होना पड़ रहा है.

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शनिवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना में उद्धव ठाकरे ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, 'नरेंद्र मोदी कहते हैं कि वे प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब नहीं देखते. यही बात उन्हें अन्य बीजेपी नेताओं को भी समझानी चाहिए.'

उद्धव ने लिखा, 'मोदी ने एक बच्चे को समझाते हुए यह कहा है कि वह 2017 तक गुजरात के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. छोटे बच्चे को समझाना बहुत आसान है, लेकिन वे अपनी ही पार्टी के बड़े लोगों को कैसे समझाएंगे, जो उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने में एक दूसरे से आगे बढ़ रहे हैं.'

उद्धव ठाकरे ने कहा कि, 'बच्चे को एक चॉकलेट देकर शांत किया जा सकता है, लेकिन राजनी‍तिक खेल में यह पैंतरा काम नहीं करता. यदि कोई नेशनल पॉलिटिक्स में आता है तो जाहिर है उसके ख्वाब ऊंचे होते हैं. लेकिन भारतीय राजनीति बहुत मुश्किल है. कई उतार चढ़ाव हैं. मोदी की अपनी बीजेपी में ही मोदी को लेकर कई मत हैं, इसलिए ही तो उन्हें अब तक प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया जा सका है.'

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शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने यह भी लिखा कि बीजेपी को अपना उम्मीदवार चुनने का पूरा हक है. लेकिन वर्तमान स्थिति ऐसी है कि शादी का सेटअप तैयार नहीं है पर दूल्हे कई तैयार हैं. और उनमें से कई तो इसके हकदार भी नहीं हैं.

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उद्धव ने मोदी को नसीहत देते हुए लिखा कि देवगौड़ा, चंद्रशेखर, राजीव गांधी और गुजराल ने कभी प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब नहीं देखा, लेकिन वे बने. डॉ. मनमोहन सिंह ने भी कभी पीएम बनने का नहीं सोचा था. लेकिन उन्होंने दस साल तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड बना दिया. दिल्ली की राजनीति में जो घोड़े रेस से बाहर होते हैं, वे भी विजेता होते हैं. मोदी को इतिहास से कुछ सीखना चाहिए.


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