उधमपुर हमले के गुनहगार और पाकिस्तान के आतंकी नवेद के खुलासे पर एनआईए ने डोजियर तैयार किया है. पूछताछ के दौरान नवेद ने कबूल किया है कि उसके अलावा 18 और आतंकियों ने घुसपैठ की थी. बताया जाता है कि आतंकियों को शरण देने वालों की भी पहचान हो गई है और जल्द ही मामले में कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है.
एनआईए से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, नवेद ने एजेंसी की पूछताछ में खुलासा किया है कि उससे पहले लश्कर के 18 और दहशतगर्दों ने घुसपैठ की थी. सुरक्षा एजेंसी अब सबसे पहले उन आतंकियों की खोज में जुट गई है. 25 पन्नों के डोजियर में लिखा गया है कि लश्कर ने नवेद को 16-17 साल की उम्र में ही भर्ती कर लिया था. भर्ती के बाद उसे सबसे पहले गढ़ी हबीबुल्ला के रिक्रूटमेंट कैंप भेजा गया था. इसके बाद उसे बालाकोट, नौसेरा और झेलम की कैंप में शिफ्ट किया गया.
मिली थी 45 दिनों की ट्रेनिंग
नवेद ने बताया कि ट्रेनिंग के लिए कोट कोटेरा, डुंगी, सफैदा, धुंधनियाल और गढ़ी डपट्टा कैंप भेजा गया. 45 दिनों की इस ट्रेनिंग के दौरान सफैदा के कैंप में नवेद की
मुलाकात नोमान से हुई. इसके बाद दोनों ने साथ में ट्रेनिंग की. एक महीने तक साथ ट्रेनिंग करने के बाद दोनों को लॉन्चिंग कैंप भेजा गया. नवेद ने छेला बंदी और
अब्दुल बिन मसूद कैंप में तीन साल समय बिताया. वह एक फिदायीन था और कैंप में उसकी मुलाकात हैंडलर्स और इंस्ट्रक्टर्स से हुई.
हाफिज सईद के बेटे ने भेजा भारत
तीन वर्षों तक आतंकी कैंप में रहने वाले नवेद को ददियाल और मुरी में कई और इंस्ट्रक्टर्स भी मिले. लेकिन वह उनके नाम नहीं बता रहा. नवेद ने कबूल किया है कि
एक लोकल गाइड भी उसके साथ था. यही नहीं, उसके चार सदस्यीय ग्रुप को पाकिस्तान के हालन से भारत के लिए आतंकी हाफिज सईद के बेटे तल्ला हाफिज ने जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना किया था.