डीयू-यूजीसी के बीच चार साल के ग्रेजुएशन को लेकर चल रहे विवाद के आज सुलझने के आसार हैं. (डीयू) के कुलपति दिनेश सिंह के विरोध को दरकिनार करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने डीयू को फरमान सुनाया है कि वह विवादित चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) खत्म कर तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम फिर से शुरू करे और आज से ही दाखिला प्रक्रिया शुरू करे.
यूजीसी ने बुधवार रात कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कई प्रतिष्ठित कॉलेजों समेत अधिकतर ने उसके निर्देश को मान लिया है. यूजीसी ने ऐसे दिन अपने आदेश को दोहराया जब डीयू के मीडिया समन्वयक मलय नीरव ने मीडियाकर्मियों को एक एसएमएस भेजा जिसमें लिखा था, कुलपति ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, कुलपति के समर्थकों ने बाद में इस खबर को नकार दिया. इसके बाद कुलपति और मीडिया समन्वयक दोनों से काफी समय तक संपर्क नहीं हो सका और बाद में नीरव ने देर रात में मीडिया को एक एसएमएस कर साफ किया कि कुलपति ने इस्तीफा नहीं दिया है.
मलय नीरव के बयान के अनुसार, प्रो वीसी सुधीश पचौरी ने प्रेस ब्रीफिंग में पहले ही साफ कर दिया है कि संकाय सदस्यों ने कुलपति से मुलाकात की थी और उनसे अनुरोध किया था कि वह इस्तीफा नहीं दें. डीयू प्राचार्य संघ द्वारा दाखिले की प्रक्रिया टालने की घोषणा के एक दिन बाद यूजीसी ने कहा कि यूनिवर्सिटी से संबद्ध सभी 64 कॉलेजों में से 57 ने कहा है कि वे तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम में दाखिले शुरू करने के उसके निर्देश का पालन करेंगे.
यूजीसी के मुताबिक, जिन 57 कॉलेजों ने निर्देश मानने पर सहमति दी है उनमें डीयू के प्रतिष्ठित कॉलेज भी हैं. इनमें उन कॉलेजों के नाम भी लिखे थे जिन्होंने तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम लागू करने पर अपनी सहमति दी है. इनमें हिंदू कॉलेज, जीसस एंड मेरी कॉलेज, सेंट स्टीफंस, मिरांडा हाउस, श्री वेंकटेश्वर, लेडी श्री राम कॉलेज और श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स शामिल हैं.