विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने हिंदी से संबंधित अपना सर्कुलर वापस ले लिया है. इसमें अंडरग्रेजुएट कोर्स में हिंदी को प्राथमिक भाषा की तरह पढ़ाने की बात कही गई थी. सभी यूनिवर्सिटी में भेजे गए इस सर्कुलर का तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता और कुछ दल विरोध कर रहे थे.
जयललिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि हिंदी थोपने की कोशिश हो रही है, राज्य यूजीसी का सर्कुलर मानने के लिए बाध्य नहीं है. जयललिता ने राजभाषा कानून-1963 का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि यूजीसी का सर्कुलर तमिलनाडु की यूनिवर्सिटीज में लागू नहीं हो सकता. इसके कुछ ही घंटे बाद यूजीसी के चेयरमैन वेद प्रकाश ने बताया कि नया सर्कुलर शुक्रवार को जारी किया जाएगा.
उन्होंने गुरुवार को कहा, 'पिछले सर्कुलर में गलती से यह लिखा गया था कि हिंदी को अंग्रेजी की तरह प्राथमिक भाषा के तौर पर पढ़ाया जाए. संशोधित सर्कुलर में बताया जाएगा कि हिंदी पढ़ाना जरूरी नहीं है. इसे पढ़ाना या नहीं, विश्वविद्यालयों का विवेकाधिकार रहेगा.'
यूजीसी का विवादास्पद सर्कुलर अन्ना यूनिवर्सिटी और अलगप्पा यूनिवर्सिटी को मंगलवार को मिला था. इसके बाद डीएमके, एमडीएमके और पीएमके ने भी विरोध किया था.