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आधार में नहीं छिपी आपकी हेल्थ और वेल्थ, 12 अंकों का नंबर बताना जरूरी नहीं: UIDAI

आधार संख्या जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई ने डाटा सुरक्षा को लेकर आम लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उसके पास कार्डधारकों से जुड़ी ज्यादा जानकारी नहीं है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की ओर से आधार को लेकर 2 बड़ी बातें कही गई हैं जिससे लोगों की शंकाओं का काफी हद तक समाधान हो सकेगा. इसके साथ ही जो लोग आधार कार्ड के जरिए बैंक खातों, स्वास्थ्य या संपत्ति के खुलासे को लेकर डर रहे थे उन्हें राहत मिल सकती है. यूआईडीएआई 16 अंकों वाली वर्चुअल आईडी लाने वाली है जिसे प्रमाणीकरण के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा.

आधार संख्या जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई ने डेटा सुरक्षा को लेकर आम लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उसके पास कार्डधारकों से जुड़ी ज्यादा जानकारी नहीं है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ( यूआईडीएआई) का कहना है कि वह आधार धारकों के बैंक खातों, स्वास्थ्य, वित्तीय या संपत्ति से जुड़ी कोई जानकारी नहीं रखता है और न ही रखेगा. उसके डेटाबेस में आधार वालों की ऐसी कोई जानकारी नहीं है.

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चुनिंदा सूचनाएं ही हमारे पास

​प्राधिकरण ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा है कि उसके पास आधार धारकों से जुड़ी थोड़ी सी जानकारी है जिसमें चुनिंदा जनसांख्यिकी सूचनाएं भी हैं. संस्था की ओर से यह आश्वासन उन आशंकाओं और अटकलों के बीच आया जिनके अनुसार अपने डेटाबेस की सूचनाओं के आधार पर वह आधार कार्ड वालों की हर गतिविधियों पर निगाह रखे हुए है. प्राधिकरण ने कहा, 'निश्चिंत रहें, यूआईडीएआई के पास आपके बैंक खाते, शेयरों, म्युचुअल फंड, वित्तीय या संपत्ति, परिवार, जाति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है. न ही हमारे डेटाबेस में यह जानकारी कभी होगी.'

प्राधिकरण ने लगभग सभी प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की है. इसमें उसने विभिन्न मुद्दों और आम जिज्ञासा के साथ-साथ ढेरों सवालों पर अपनी ओर से स्थिति स्पष्ट की है. इसमें प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि आधार पहचान प्रदाता है न कि लोगों से जुड़ा ब्यौरा जुटाने का माध्यम. आधार कानून को चुनौती देने वाली अनेक याचिकाओं की सुनवाई इन दिनों सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ कर रही है.

16 अंकों वाली वीआईडी

दूसरी ओर, आधार संख्या जारी करने वाले प्राधिकरण यूआईडीएआई ने बहुप्रतीक्षित आभासी पहचान यानी वर्चुअल आईडी (वीआईडी) को प्रायोगिक स्तर पर शुरू कर दिया है. प्राधिकरण का कहना है कि विभिन्न सेवा प्रदाता जल्द ही आधार संख्या की जगह इस आईडी को स्वीकार करना शुरू कर देंगे. इस व्यवस्था में आधार संख्या के धारक को अपनी एक वर्चुअल आईडी बनानी होगी.

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सत्यापन या अधिकरण के लिए जहां आधार संख्या बताने की जरूरत होगी वहां यह आईडी बताने से ही काम चल जाएगा. इससे उपयोक्ता की 12 अंक की आधार संख्या का खुलासा दूसरे व्यक्ति या सेवा प्रदाता को नहीं होगा. वर्चुअल आईडी एक 16 अंकों वाली संख्या होगी, जो ऑथेंटिकेशन के लिए आधार नंबर की जगह इस्तेमाल होगी. यह जरूरत के वक्त कंप्यूटर द्वारा तत्काल जेनरेट हो जाएगी.

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ( यूआईडीएआई) ने ट्वीटर पर जानकारी दी है कि शुरू में इस आईडी का उपयोग आधार में पते को ऑनलाइन अपडेट करने के लिए किया जा सकता है. उसका कहना है कि जल्द ही सेवा प्रदाता आधार संख्या की जगह पर वीआईडी को स्वीकार करना शुरू करेंगे. फिलहाल, इसका इस्तेमाल आधार में पते को अपडेट करने के लिए किया जा सकता है.

प्राधिकरण ने उपयोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे अपनी वीआईडी बना लें. यूआईडीएआई ने यह कदम उपयोक्ताओं से जुड़ी जानकारी यानी डेटा की सुरक्षा को लेकर जारी चिंताओं के बीच उठाया है.

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