देश के लोगों को विशिष्ट पहचान प्रदान करने की पहल के तहत अब तक 61 करोड़ लोगों को आधार संख्या प्रदान की गई है. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार (UIADI) से यह जानकारी मिली है. इसके मुताबिक, मार्च 2014 तक देश में 61 करोड़ 87 हजार 769 आधार सृजित किए गए हैं.
UIADI से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस दौरान महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 8.58 करोड़ आधार कार्ड बनाए गए जबकि आंध में 7.98 करोड़ आधार जारी किए गए. तमिलनाडु में यह आंकड़ा 4.53 करोड़ और कर्नाटक में 4.37 करोड़ रहा. UIADI के मुताबिक, यूआईडी किसी व्यक्ति को प्रदत्त 12 अंकों की पहचान है जो उसकी कुछ विशिष्टताओं को प्रदर्शित करता है. बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली के माध्यम से यह सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक व्यक्ति को एक और केवल एक यूआईडी ही प्रदान की जाए.
आरटीआई के तहत प्राधिकार से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नए यूआईडी प्रदान करने का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि डुप्लीकेटों को वैध यूआईडी नंबर न प्राप्त हो सके. प्राप्त जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल में 4.03 करोड़, राजस्थान में 3.96 करोड़, केरल में 3.06 करोड़ और गुजरात में 3.15 करोड़ आधार बनाए गए.
दिल्ली के आरटीआई कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद ने सरकार से पूछा था कि यूआईडीएआई के लक्ष्य के अनुरूप कितनी आधार संख्या सृजित की गईं. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 4.47 करोड़ आधार जारी किए गए जबकि झारखंड में 2.61 करोड़ आधार सृजित हुए. उत्तरप्रदेश में 2.94 करोड़, ओडिशा में 1.97 करोड़, हरियाणा में 1.89 करोड़ और दिल्ली में 1.68 करोड़ आधार जारी किये गए. यूआईडीएआई के अनुसार, प्रत्येक निवासी को एक और केवल एक यूआईडी नंबर प्राप्त होगा. इस संबंध में 1.2 अरब आबादी को सटीक ढंग से इसके दायरे में बायोमेट्रिक्स के उपयोग से ही लाया जा सकता है. इसके तहत उंगली का निशान, आंखों की पुतली, चेहरे के ढांचे आदि को दर्ज किया जाता है.