भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) का उपभोक्ता बन गया है. भारत में एलपीजी कंज्यूमर की संख्या में सालाना औसत ग्रोथ 8.4 फीसदी हो रही है. इसका काफी हद तक श्रेय मोदी सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत हर गरीब परिवार को ईंधन देने के प्रयास को जाता है. इस साल 1 फरवरी तक, तेल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) ने इस योजना के तहत करीब 6.31 करोड़ कनेक्शन जारी किए हैं.
अकेले वित्त वर्ष 2018-19 में रेकॉर्ड 4.07 करोड़ नए LPG कनेक्शन दिए गए जो कि साल 2017-18 के मुकाबले 45 फीसदी ज्यादा है. तीनों सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों-इंडियन ऑयल कॉरपोरशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने सामूहिक रूप से इस वित्त वर्ष में मार्च अंत तक कुल 4.25 करोड़ नए कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य रख है.
दूसरी तरफ, साल 2015 से अब तक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों में 77 फीसदी तक की बढ़त हुई है और इसकी वजह से केंद्र सरकार का सब्सिडी बोझ भी लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सरकार सरकारी ईंधन कंपनियों को प्रति कनेक्शन 1,600 करोड़ रुपये का सब्सिडी देती है. इससे गरीबों को मुफ्त कनेक्शन मिल जाता है.
इस साल के पहले नौ महीनों में ही LPG सब्सिडी पिछले साल के मुकाबले 23 फीसदी ज्यादा है. अप्रैल से दिसंबर 2018 के दौरान केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत 25,700 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. सरकार का अनुमान है कि 2019-20 के दौरान एलपीजी सब्सिडी बढ़कर 32,989 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. पिछले हफ्ते ही इंडियन ऑयल कंपनी (IOC) ने एलपीजी की कीमत में 2.08 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़त की थी और गैर सब्सिडाइज्ड गैस में 42.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़त की गई थी. इसके पहले तीन महीने लगातार सिलेंडर की कीमतों में कटौती की थी और प्रति सिलेंडर कुल मिलाकर दाम 13 रुपये तक घट गए थे. अब दिल्ली में 14.2 किलोग्राम के सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 495.61 रुपये और गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 701.50 रुपये है. जिन लोगों की सालाना पारिवारिक आय 10 लाख रुपये तक है, उन्हें साल में सब्सिडी वाले 12 सिलेंडर मिलते हैं. इस तरह दिल्ली में सब्सिडी वाले सिलेंडर पर करीब 206 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है.
पेट्रोलियम प्लानिंग ऐंड एनालिसिस सेल (PPAC) के आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी 2019 के दौरान कुल एलपीजी खपत में 11.1 फीसदी की बढ़त हुई थी और अप्रैल से जनवरी के दौरान इसमें 5.7 फीसदी की बढ़त हुई थी. इसके मुताबिक देश में कुल करीब 25.21 करोड़ सक्रिय एलपीजी ग्राहक हैं. इनको कुल 22,654 एलपीजी डिस्ट्रिब्यूटर्स के द्वारा सेवा दी जाती है. सबसे ज्यादा 32.8 फीसदी उपभोग उत्तरी क्षेत्र के द्वारा किया जाता है.
(/www.businesstoday.in से साभार)