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संरक्षण के लिए उल्‍फा की निगाहें अब चीन पर

म्‍यांमार और बांग्‍लादेश में दबाव बढ़ने के बाद गैरकानूनी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्‍फा) संरक्षण के लिए अब चीन की ओर देख रहा है.

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म्‍यांमार और बांग्‍लादेश में दबाव बढ़ने के बाद गैरकानूनी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्‍फा) संरक्षण के लिए अब चीन की ओर देख रहा है.

समझा जा रहा है कि उल्‍फा प्रमुख परेश बरुआ नए अड्डे की स्‍थापना के लिए इस समय म्‍यांमार-चीन के निकटवर्ती क्षेत्र में हैं. पुलिस और खुफिया अधिकारियों के अनुसार चीन के यूनान प्रांत में 50 से अधिक उल्‍फा आतंकी मौजूद हो सकते हैं.

एक वरिष्‍ठ खुफिया अधिकारी ने बताया, "हमें इस बात की रिपोर्ट मिली है कि बांग्‍लादेश के अपने स्‍थाई अड्डे से हटने के बाद परेश बरुआ म्‍यांमार-चीन सीमा पर स्थित अपने अस्‍थाई अड्डे पर ही हैं." उन्‍होंने कहा कि उल्‍फा को म्‍यांमार और बांग्‍लादेश, दोनों जगह हाल के समय में परेशानी महसूस हो रही थी. संभवत: इसी से संगठन ने नए वैकल्पिक अड्डे के बारे में सोचा है.

गौरतलब है क‍ि सुरक्षा बलों के हाथों आतंकवाद विरोधी अभियानों में 100 से अधिक उल्‍फा विद्रोहियों के मारे जाने और 28 वीं बटालियन की अल्‍फा और चार्ली कंपनियों के सरकार के साथ युद्धविराम के कारण उल्‍फा को भारी धक्‍का लगा है.

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