युनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के परेश बरुआ की अगुवायी वाले धड़े ने असम के गायकों को चेतावनी दी है कि आगामी रोंगाली बिहू महोत्सवों में हिंदी गीत नहीं गाएं और आयोजकों से भी कहा है कि वे ऐसा कोई इंतजाम नहीं करें, जिसमें लोग हिंदी गीतों पर थिरकें.
आज भेजे एक ईमेल में उल्फा के सहायक प्रचार सचिव अरुणोदय असोम ने कहा, ‘हम गायकों से हिंदी गीतों से दूर रहने और डांस करने वालों से इस तरह के गीतों पर नहीं थिरकने का आग्रह करते हैं. हमें जानकारी मिली है कि जब श्रोता बिहू गीतों का आग्रह करते हैं, तो कुछ गायक पहले हिंदी गाने गाते हैं.’
ईमेल में कहा गया है ‘हम बिहू सांस्कृतिक आयोजनों पर कड़ी निगाह रखेंगे. गायक, कलाकार और आयोजक अगर हमारे आग्रह और भारत की संस्कृति से प्रभावित असम की संस्कृति का सम्मान नहीं करते, तो उल्फा काडरों को आयोजनों में विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ेगा.’
इसमें कहा गया है कि कलाकारों और आयोजकों की जिम्मेदारी सिर्फ लोगों का मनोरंजन करना नहीं है. उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी समाज को उसकी संस्कृति के प्रति जागरुक बनाना है. उल्फा नेता ने कलाकारों से स्थानीय समुदाय से जुड़े गीत और नृत्य पेश करने का आग्रह किया है. गौरतलब है कि रोंगाली बिहू का आयोजन अप्रैल के मध्य में राज्य में नये साल का उत्सव मनाने के लिये किया जाता है.