मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कई मंत्रियों के इस्तीफे आने के बाद दिल्ली और बीजेपी में अटकलें तेज हो गई हैं. इस्तीफा देने वाले राजीव प्रताप रूडी और संजीव बालियान ने कहा कि उन्होंने बीजेपी नेतृत्व के आदेश पर इस्तीफा दिया है. वहीं उमार भारती से जब मीडिया ने बार-बार सवाल किया तो ट्विटर पर उमा भारती का दर्द छलक उठा. उमा भारती ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने सवाल सुना ही नहीं वे जवाब नहीं देंगी.
उधर, मोदी कैबिनेट में मंत्री संजीव बालियान ने कहा, 'मुझसे इस्तीफा देने को कहा गया था और मैंने बिना किसी झिझक के दे दिया. मैं खुद पार्टी के कार्य के लिए समर्पित रहूंगा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करूंगा.' उन्होंने कहा कि अभी तो पार्टी के लिए काम करना है. पार्टी ने इस्तीफा क्यों मांगा इसके इसके बारे में बालियान का कहना है कि उनको कोई जानकारी नहीं है.
वहीं, केंद्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा, 'पार्टी नेतृत्व का आदेश मिलते ही मैंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. यह सरकार में एक सामान्य प्रक्रिया है. इसके आगे मैं कुछ नहीं कह सकता हूं.' उन्होंने कहा, 'मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं और पार्टी के लिए काम करूंगा. यह पार्टी तय करेगी कि मुझे क्या जिम्मेदारी मिलेगी? पार्टी जो कहेगी, मैं वो करूंगा.'
कल से चल रही मेरे इस्तीफे के खबरों पर मीडिया ने प्रतिक्रिया पूछी। इसपे मैंने कहा कि मैंने ये सवाल सुना ही नहीं, न सुनूँगी, न जवाब दूंगी। /1
— Uma Bharti (@umasribharti) September 1, 2017
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने अपने इस्तीफे के सवाल के जवाब में कुछ भी बोलने से इनकार किया. हालांकि, उन्होंने बाद में ट्वीट किया, 'कल से चल रही मेरे इस्तीफे के खबरों पर मीडिया ने प्रतिक्रिया पूछी. इसपे मैंने कहा कि मैंने ये सवाल सुना ही नहीं, न सुनूंगी, न जवाब दूंगी.'
इस बारे में या तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जी @AmitShah या अध्यक्ष जी जिसको नामित करे, वही बोल सकते है। मेरा इसपर बोलने का अधिकार नही है। /2
— Uma Bharti (@umasribharti) September 1, 2017
उन्होंने कहा कि इस बारे में या तो राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह या वो जिसको नामित करें, वही बोल सकते हैं. मेरा इस पर बोलने का अधिकार नहीं है. मालूम हो कि तीन साल पूरे कर चुकी मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में अब तक का सबसे बड़ा फेरबदल हो रहा है. पिछले काफी समय से देश के बाद कोई स्थाई रक्षामंत्री नहीं है.
उम्मीद जताई जा रही है कि इस फेरबदल में नया रक्षामंत्री मिलेगा. साथ ही रेलमंत्री सुरेश प्रभु से रेल मंत्रालय छीना जा सकता है. परिवहन मंत्री गडकरी को रेल मंत्रालय दिया जा सकता है और रेलवे को परिवहन मंत्रालय के साथ जोड़ा भी जा सकता है.