साईं पूजा के विवाद में अब केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी कूद गई हैं. उमा भारती को अकसर साध्वी नाम से भी पुकारा जाता है और उन्होंने साईं पूजा का सर्मथन किया है. उन्होंने कहा कि साईं के भक्तों ने कभी नहीं कहा कि साईं 25वां अवतार हैं. उन्होंने कहा कि साईं ने कभी खुद को भगवान नहीं कहा पर साईं के भक्त आस्था के चलते उन्हें भगवान मानते हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साईं भगवत सत्ता है और वह खुद साईं को बहुत मानती हैं.
शंकराचार्य स्वरूपानंद ने साईं की पूजा का विरोध कर देशभर में बड़ी बहस छेड़ दी है. करीब एक हफ्ते बाद शनिवार को उमा भारती ने साईं की पूजा का सर्मथन कर साईं सर्मथकों को बड़ा सहारा दिया है. उमा भारती ने हरिद्वार में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि साईं को उनके भक्त भगवान मानते हैं तो इसमें गलत क्या है.
उमा भारती ने कहा कि हिन्दू संस्कृति में 24 अवतार माने गए हैं पर साईं को उनके भक्तों ने कभी भी 25वां अवतार नही माना. उन्होंने साईं भक्तों की भावना का समर्थन करते हुए कहा कि भगवान के अलावा भी हम माता, पिता, अतिथि और गुरू को भी भगवान मानते हैं तो साईं के भक्त यदि उन्हें भगवान मानकर उनकी पूजा करते हैं तो इसमें गलत क्या है.
उमा भारती ने कहा कि वह इस मुद्दे पर साईं पूजा का विरोध करने वाले शंकराचार्य के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलेंगी पर साईं में उनकी पूरी आस्था है और वो तो खुद साईं में भगवत सत्ता को देखती हैं.
उमा भारती के साइा पूजा का सर्मथन करने पर शंकराचार्य के शिष्य उमा पर बिफर गए. शंकराचार्य स्वरूपानंद के उत्तराधिकारी शिष्य स्वामी अविमुक्त्तेश्वरानंद का कहना है कि उमा भारती खुद को यदि सनातनधर्मी मानती हैं तो जो कुछ शंकराचार्य जी ने कहा है, वह उन पर भी लागू होता है. सनातन धर्म के विधि विधानों को उनको भी मानना चाहिए.