कश्मीर में शहीद हुए लेफ्टिनेंट उमर फयाज़ के 5 साथियों ने आज तक से खास बातचीत की. राजपूताना रायफल्स के ब्रिगेडियर आदिश यादव, मेजर अवधेश चौधरी, मेजर युवावीर कादियान, सूबेदार नजरूद्दीन, नायक अदीप सिद्दीकी ने उमर फयाज़ के साथ के कुछ पल साझा किये.
ब्रिगेडियर आदीश यादव ने उमर फयाज़ के बारे में कहा कि कश्मीर के काफी युवा भारतीय सेना में आते रहे हैं, उन्होंने कहा कि जब मैं उनसे मिला तो समझा कि यह बहुत काबिल अफसर हैं. जब मैंने उनसे पूछा तो आप आर्मी के साथ क्यों जुड़े हैं, तो उन्होंने कहा कि यह उनका बचपन का शौक था और एक अफसर बनना चाहते थे. सेना उनके साथ ऐसा करने वालों को जरूर जवाब देगी और इस घटना से कश्मीरियत में विश्वास रखने वाले लोगों को काफी ठेस पहुंची है. ब्रिगेडियर आदीश यादव ने कहा कि उमर फयाज़ और बुरहान वानी की तुलना गलत है. देश के हीरो वो होते हैं जो देश के लिए कुर्बानी देते हैं, बुरहान वानी एक आतंकवादी था.
उनके ट्रेनर रहे मेजर चौधरी ने बताया कि वह 31 दिसबंर 2016 को हमारे साथ जुड़े, तो वह हमारे साथ 15 जनवरी तक रहे. उन्होंने कहा कि उस दौरान मैंने उन्हें काफी करीब से देखा था. मेजर अवधेश ने उमर के बारे में कहा कि वह चार साल पहले फौज से जुड़े थे, इन चार साल में कई लोगों को उन्होंने मोटिवेट किया है. जिससे कश्मीरी युवा भी फौज में आने के लिए प्रेरित होते हैं.
उनके फायरिंग ट्रेनर रहे सूबेदार नजरूद्दीन ने बताया कि फयाज़ के अंदर बिल्कुल भी डर का माहौल नहीं था. उन्होंने बताया कि वह कश्मीर के लिए कुछ करना चाहते थे.
उन्हें फिजिकल ट्रेनिंग देने वाले युवावीर कादयान ने कहा कि वह हॉकी के बहुत अच्छे प्लेयर थे, वह हमेशा बेझिझक रहते थे. उसका असर हमेशा फील्ड में दिखता था. युवावीर ने कहा कि कश्मीर के आतंकवादी उमर फयाज़ के जज्बे से डरते थे, उमर फयाज़ के जज्बे से पत्थरबाजों और अलगाववादी कमजोर हो रहे थे.उन्होंने कहा कि जनता का समर्थन अलगाववादियों के साथ नहीं है.
आपको बता दें कि छुट्टियों पर घर आये युवा सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फयाज़ की शोपियां जिले में आतंकवादियों ने अपहरण करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिससे नाराज लोगों ने हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. युवा अधिकारी यहां एक शादी समारोह में शामिल होने आया था.