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UN की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, ज्यादा बारिश से फसलें हो जाएंगी जहरीली

सूखे या ज्यादा बारिश के बाद भी अगर फसल अच्छी हो जाए तो आम तौर पर हर किसी को खुशी ही होगी. लेकिन संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.

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ज्यादा बारिश से जहरीले कीटाणु जिंदा हो जाते हैं
ज्यादा बारिश से जहरीले कीटाणु जिंदा हो जाते हैं

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सूखे या ज्यादा बारिश के बाद भी अगर फसल अच्छी हो जाए तो आम तौर पर हर किसी को खुशी ही होगी. लेकिन संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट प्रोग्राम की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर पौधों (फसल) को बहुत कम पानी मिले (सूखे में) या बहुत ज्यादा मिले (अतिवृष्टि) तो वो जिन्दा रहने के नए तरीके खोज लेते हैं.

फसलों पर मौसम की मार
कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर टी हक के मुताबिक ऐसे में फसल के पौधे आसपास से मिलने वाले किसी भी तरह के पोषक तत्व को अपनी जड़ों से सोखने में गुरेज नहीं करते जिसकी वजह से मिट्टी में मौजूद केमिकल्स, पेस्टिसाइड और मिनरल्स भी जरूरत से ज्यादा मात्रा में पौधों के भीतर जमा हो जाते हैं. अतिवृष्टि की हालत में भी मिट्टी की सतह पर जमा केमिकल या पेस्टिसाइड भी एक जगह ज्यादा मात्रा में इकट्ठे हो जाते हैं जहां से पौधे उसे सोख लेते हैं. जाहिर है कि ज्यादा मात्रा में ये फसलों को इंसान और जानवर दोनों के लिए जहरीली बनाते हैं.

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70 फीसदी फसलों पर मौसम का असर
हालात कितने खराब हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की इस रिपोर्ट में कहा गया है की तापमान और मौसम इसी तेजी से बिगड़े तो दुनिया की 70 फीसदी फसलें आदमी और जानवर दोनों के खाने लायक नहीं बचेंगी. फसलों में जमा होने वाले जहरीले पदार्थों में नाइट्रेट और प्रूसिक एसिड शामिल हैं. नाइट्रेट गेहूं, मक्का, जौ और सोयाबीन जैसी फसलों में सूखे के बाद ज्यादा मात्रा में पाया जाता है. दूसरी तरफ अतिवृष्टि के बाद प्रूसिक एसिड मक्का, चेरी, कॉफी और सेव जैसी फसलों में घातक स्तर तक पहुंच सकता है. साधारण हालात में पौधे नाइट्रेट को प्रोटीन में बदल लेते हैं लेकिन सूखे या ज्यादा बारिश की हालत में वो ऐसा नहीं कर पाते और ये केमिकल ज्यादा मात्रा में उनमें इकट्ठे होकर उसे जहरीला बना देते हैं.

जहरीली फसल जानवर के लिए भी नुकसानदेह
इससे पहले भी कई स्टडीज में ये बात सामने आई है कि अगर इस तरह की फसल या पौधों को अगर जानवर भी खाते हैं तो उनके खून की ऑक्सीजन का वाहक हीमोग्लोबिन प्रभावित होता है और उसकी ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता घट जाती है. भारत जैसे देश में जहां ज्यादातर खेती बारिश पर निर्भर है और सूखा और अतिवृष्टि जहां आम है वहां ये खतरा और भी ज्यादा परेशानी पैदा कर सकता है.

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