संयुक्त राष्ट्र में पहली बार भारतीय संविधान के रचयिता बाबासाहेब बीआर अंबेडकर की जयंती मनाई जाएगी. जिसमें सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) हासिल करने के लिए असमानताओं से लड़ने पर ध्यान दिया जाएगा.
कई संस्थाएं मिलकर मनाएगी अंबेडकर जयंती
संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी मिशन कल्पना सरोज फाउंडेशन और फाउंडेशन फॉर ह्यूमन होराइजन के सहयोग से अंबेडकर की जयंती से एक दिन पहले 13 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में उनकी 125वीं जयंती मनाएगा. इस मौके पर यहां ‘इन सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए असमानताओं से लड़ाई’ विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन भी किया जाएगा.
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समानता और सामाजिक न्याय के प्रेरणा स्रोत
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने ट्विटर पर लिखा, ‘पहली बार संयुक्त राष्ट्र में बाबासाहब की जयंती मनाई जाएगी जिसमें सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए असमानताओं से लड़ने पर ध्यान दिया जाएगा.' भारतीय मिशन की ओर से जारी किए गए एक नोट में कहा गया कि भारत अपने ‘राष्ट्रीय प्रेरणास्रोत’ की 125वीं जयंती मना रहा है, अंबेडकर करोड़ों भारतीयों और दुनिया भर में समानता एवं सामाजिक न्याय के समर्थकों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं.
होगी बाबा साहेब के योगदानों पर चर्चा
इसमें कहा गया कि हालांकि यह एक संयोग है, हम गरीबी, भुखमरी और सामाजिक-आर्थिक असमानता के 2030 तक खात्मे के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से अपनाए गए सतत विकास लक्ष्यों में उपयुक्त रूप से बाबासाहब की उज्ज्वल दृष्टि के निशान देख सकते हैं.’ अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था. उनका निधन 1956 में हुआ था और उन्हें 1990 में मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया था.