केरल के पम्बा स्थित सबरीमाला मंदिर के मुद्दे पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. रविवार को भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं ने 4 तेलुगु भाषी महिलाओं को मंदिर तक जाने वाली पहाड़ियों पर चढ़ने से रोक दिया.
अयप्पा मंत्रोच्चारण कर रहे प्रदर्शनकारियों ने दोनों महिलाओं को पहाड़ी के नीचे ही रोक दिया. अपने रिश्तेदारों के साथ आई इन महिलाओं की उम्र 40 के आसपास बताई जा रही है. हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने 50 से ऊपर आयु वर्ग की महिलाओं को पहाड़ी पर चढ़ने दिया.
महिलाओं को सुरक्षित वहां से निकालने वाली पुलिस के मुताबिक, दोनों महिलाओं ने सुरक्षाबलों को बताया कि वह मंदिर की परंपराओं को जाने बिना ही यहां आ गईं थीं. वहीं 47 वर्षीय एक महिला मंदिर के गर्भ गृह नडाप्पंधाल के नजदीक पहुंच गई, लेकिन श्रद्धालुओं ने स्वामिये शरणम अयप्पा का मंत्रोच्चार करते हुए उसे वहां प्रवेश करने से रोक दिया.
पुलिस ने बताया कि ये महिलाएं केरल में मंदिर घूमने आए श्रद्धालुओं के ग्रुप का हिस्सा थीं. उन्हें निलक्कल ले जाया गया, जहां उन्होंने अपनी गाड़ी पार्क की थी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने 10 से 50 साल तक की उम की महिलाओं के भगवान अयप्पा के मंदिर में दर्शन पर लगी सदियों पुरानी रोक हटाने संबधी फैसला दिया था. इसके बाद से मासिक पूजा के लिए मंदिर के कपाट खुलने का आज पांचवा दिन था.
इस बीच सबरीमाला कर्मा समिति ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की 'जल्दबाजी' दिखाने के लिए केरल सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने का फैसला किया है.
समिति ने अपने कार्यकर्ताओं पर कथित पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ राज्य भर के पुलिस स्टेशनों तक 'नामजप यात्रा' निकालने का आह्वान किया है. सबरीमला से जुड़े एक प्रमुख श्रद्धालु केंद्र इरुमेली में सैकड़ों महिलाओं ने ऐसे ही एक विरोध मार्च में हिस्सा लिया.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्य सरकार से अपील की है.
केरल के डीजीपी लोकनाथ बेहेरा के मुताबिक, अगले महीने से शुरू हो रहा सबरीमला तीर्थयात्रा का मौसम उनके लिए चुनौतीपूर्ण रहने वाला है.