कश्मीर और अयोध्या का मसला उठाने पर यूनेस्को में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया. भारत ने पड़ोसी मुल्क की आलोचना करते हुए कहा कि पाकिस्तान को हमारे अंदरूनी मामलों में टांग अड़ाने की मानसिक बीमारी है. आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने पाकिस्तान को घेरते हुए कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से दुनिया परेशान है.
पेरिस में यूनेस्को मुख्यालय में आयोजित यूनेस्को के जनरल कॉफ्रेंस के 40वें सत्र की सामान्य नीति बहस पर पाकिस्तान के आरोप का जवाब देते हुए भारत ने कहा कि पाकिस्तान प्रोपैंगेडा रच रहा है और भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कानून के आधार पर फैसला दिया है. पाकिस्तान हमारे आंतरिक मामले में हस्तक्षेप कर रहा है. वह जिस तरह की घृणास्पद बातें फैला रहा है वो निंदनीय है.#WATCH Paris: India responds to Pakistan Minister Shafqat Mahmood's propaganda on Kashmir & Ayodhya, at 40th UNESCO General Conference - General Policy Debate. (Source - UNESCO) pic.twitter.com/vv1tCiSw2u
— ANI (@ANI) November 13, 2019
कश्मीर हमारा आंतरिक मामला
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों के बारे में बोलते हुए भारत ने कहा कि ये दोनों भारत का अंदरुनी हिस्सा है और पाकिस्तान की ओर से कश्मीर में अवैध तरीके से घुसपैठ कराया जा रहा है. भारत ने आगे कहा कि पाकिस्तान लगातार भारत के अंदरुनी मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है जो किसी तरह से स्वीकार्य नहीं है. सीमापार की ओर से आतंकवादी गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.
इससे पहले पाकिस्तान के शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण के संघीय मंत्री शफकत महमूद ने बुधवार को यूनेस्को में कश्मीर का मसला उठाया. संघीय शिक्षा और विशेष प्रशिक्षण मंत्री शफाकत महमूद ने यूनेस्को से जम्मू-कश्मीर और कश्मीर के लोगों के मौलिक अधिकारों को बहाल करने और प्रतिबंध हटाने को लेकर भारत सरकार को मनाने के लिए अपने नैतिक अधिकार का उपयोग करने का आह्वान किया था.
पेरिस में यूनेस्को मुख्यालय में आयोजित यूनेस्को के जनरल कॉफ्रेंस के 40वें सत्र की सामान्य नीति बहस पर शफाकत महमूद ने कश्मीर का मसला उठाया था.
फ्रांस में पाकिस्तान के राजदूत और यूनेस्को के लिए पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मोइन उल हक ने भी सत्र में भाग लिया. पाक मंत्री ने कश्मीर के लोगों के मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों को उठाया. उनका कहना था कि कश्मीर में पिछले 100 दिन से जारी कर्फ्यू के कारण 80 लाख से ज्यादा कश्मीरियों के मौलिक अधिकारों का हनन किया गया. भारत पहले भी कश्मीर मसले को भारत का अंदरूनी मामला कह चुका है और वैश्विक स्तर पर उसे दुनिया के कई देशों से समर्थन भी मिला है.