हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नरमपंथी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को अपनी नाखुशी से अवगत कराया है. यह नाखुशी रूस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ के बीच हुई बैठक से कश्मीर मुद्दे को बाहर रखने को लेकर जताई गई है.
मीरवाइज ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त द्वारा मंगलवार शाम आयोजित ईद मिलन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद उच्चायोग में बासित से मुलाकात के दौरान अपनी राय से उन्हें अवगत कराया. हुर्रियत प्रमुख विशेष तौर पर ईद मिलन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए श्रीनगर से यहां आए थे. उन्होंने कहा कि कश्मीर की अनदेखी कर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता कहीं भी नहीं पहुंच पाएगी.
संयुक्त वक्तव्य में नहीं था कश्मीर
मोदी-शरीफ के बीच बैठक में कश्मीर मुद्दे को बाहर रखने पर नाखुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि अगर दोनों देश आपस में भरोसा कायम करना चाहते हैं तो मुद्दे का निराकरण करना होगा. मोदी और शरीफ 10 जुलाई को रूस में उफा में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन से इतर मिले थे. इसके बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में कश्मीर का कोई उल्लेख नहीं किया गया था.
हुर्रियत कान्फ्रेंस के चरमपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी ने ईद मिलन का बहिष्कार किया. उन्होंने दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच वार्ता में कश्मीर को शामिल नहीं किए जाने को लेकर विरोध जताया. मीरवाइज ने कहा कि उन्होंने कार्यक्रम में इसलिए हिस्सा लेने का फैसला किया ताकि शिखर बैठक में कश्मीर को शामिल नहीं किए जाने पर अपनी चिंता से अवगत करा सकें.