केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी बजट में नोटबंदी और जीएसटी का खासतौर पर जिक्र किया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद माइक्रो, स्मॉल और मीडिया इंटरप्राइजेज इंडस्ट्री को बड़े पैमाने पर फॉर्मलाइजेशन हो रहा है.
उन्होंने कहा कि जीएसटी आने के बाद इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम को आसान बनाने में मदद मिली है. नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था में कैश में कमी आई है और इससे डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने में मदद मिली है.
जेटली ने कहा कि ईमानदार करदाताओं ने नोटबंदी को 'ईमानदारी का उत्सव' के रूप में स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि करदाताओं का आधार बढ़ा है. यह 2014-15 में 6.47 करोड़ था, जो 2016-17 में बढ़कर 8.27 प्रतिशत हो गया है.
बता दें कि मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण कालिक बजट पेश करते हुए अरुण जेटली ने ग्रामीण भारत और किसानों पर फोकस किया है. वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि जीडीपी 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है. विश्व बैंक और अन्य संस्थान इसकी तारीफ कर रहे हैं. निर्यात के 15 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है.