सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज ए के गांगुली के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए राष्ट्रपति की राय (केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रपति द्वारा राय के लिए सुप्रीम कोर्ट को भेजा जाने वाला मामला) भेजने के प्रस्ताव को सरकार ने गुरुवार को मंजूरी दे दी.
मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में गृह मंत्रालय का यह प्रस्ताव मंजूर किया गया. बैठक के बाद वित्त मंत्री पी चिदंबरम और सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने यह जानकारी दी.
इस बीच सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने एटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती की राय कैबिनेट के सामने रखी, जिन्होंने कहा है कि गांगुली के खिलाफ मामला बन सकता है. अब प्रस्ताव को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास भेजा जाएगा, जो मामले को भारत के चीफ जस्टिस को भेजेंगे और जिसमें तीन बिन्दुओं के आधार पर इस प्रकरण की जांच की बात होगी.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग संबंधी पत्र राष्ट्रपति को भेजे जाने के बाद एटॉर्नी जनरल की राय मांगी गयी थी. गांगुली पर एक महिला इंटर्न के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है हालांकि न्यायमूर्ति गांगुली ने आरोप से इनकार करते हुए पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटने से मना किया है.
सूत्रों ने कहा कि एटॉर्नी जनरल से तीन मुद्दों पर राय मांगी गयी थी कि इन्हें लेकर कोई मामला बन सकता है या नहीं. ये मुद्दे हैं... गांगुली के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप, पश्चिम बंगाल सरकार को सूचित किये बिना पाकिस्तान यात्रा और मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर होने के बावजूद अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन की मध्यस्थता करने का मामला.