केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में शनिवार को एक बार फिर भूमि अधिग्रहण पर अध्यादेश लाने का फैसला किया गया है. 7RCR में पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि मौजूदा अध्यादेश की अवधि 4 जून को खत्म हो रही है, उसके पहले ही सरकार को नया अध्यादेश लाना होगा.
भूमि अधिग्रहण बिल को किसान विरोधी बताते हुए कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं. यही नहीं, केंद्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने भी इस बिल पर सवाल उठाए हैं.
मार्च में भारी विरोध के बीच लाए गए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को कानून में बदलने की केंद्र सरकार ने पूरी कोशिश की, लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते यह संभव नहीं हो सका. फिलहाल यह बिल संसद की ज्वाइंट कमेटी के पास है, जो इस पर विचार कर रही है. राजनीतिक दलों के अलावा किसान नेताओं ने भी नए भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध किया है, लेकिन सरकार अपने फैसले पर अड़ी हुई है.
बता दें कि मोदी सरकार तीसरी बार भूमि अधिग्रहण अध्यादेश ला रही है.