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वायु प्रदूषण को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री चिंतित, कई राज्यों का ढीला रवैया

डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सर्दियों के दौरान इस प्रदूषण को बढ़ावा देने वाली चीजों पर अभी से ध्यान देने की जरूरत है. पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन के मुताबिक वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सीएसआईआर के वैज्ञानिकों की मदद ली जाएगी और उनसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी देने को कहा जाएगा.

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केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बैठक की
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बैठक की

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दिल्ली में अक्टूबर में होने जा रहे फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप पर वायु प्रदूषण की काली छाया ना पड़े इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय ने अभी से तैयारी करनी शुरू कर दी है. इसी सिलसिले में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बैठक की. इस बैठक में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश राजस्थान और दिल्ली के अधिकारियों को वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया.

डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सर्दियों के दौरान इस प्रदूषण को बढ़ावा देने वाली चीजों पर अभी से ध्यान देने की जरूरत है. पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन के मुताबिक वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सीएसआईआर के वैज्ञानिकों की मदद ली जाएगी और उनसे लेटेस्ट टेक्नोलॉजी देने को कहा जाएगा. उनके मुताबिक इस दिशा में लोगों की भागीदारी पर भी जोर देने की जरूरत है. लोगों की भागीदारी के बिना इच्छित परिणाम हासिल करना मुश्किल होगा.

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डॉक्टर हर्षवर्धन के मुताबिक जैविक ईंधन और फसलों को जलाने से रोकने, फसलों के अवशेष के बेहतर प्रबंधन, धूल भरी सड़कों पर पानी के छिड़काव, निर्माण स्थलों पर धूल से बचाने के तरीके और फसलों को जलाने से रोकने जैसे कदमों को अपनाने से वायु प्रदूषण की रोकथाम की जा सकती है.

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हमें केंद्र सरकार के द्वारा निर्धारित दीर्घ अवधि की सभी योजनाओं के लागू करने पर ध्यान देना चाहिए. जिससे प्रदूषण को हर लेवल पर कम किया जा सके. उन्होंने एनसीआर के राज्यों से विभिन्न स्तरों के प्रदूषणों के आधार पर काम करने को कहा डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप और दिवाली के मद्देनजर वायु प्रदूषण को रोकने के लिए अभी से कमर कसनी चाहिए.

दरअसल, सर्दियों के सीजन के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और हालत यहां तक हो जाती है कि लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है. पिछले कुछ वर्षों से इस समस्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. पर्यावरण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन भले ही वायु प्रदूषण को एक चिंताजनक चीज मानते हों लेकिन दिल्ली-एनसीआर के आसपास के राज्यों के व्यवहार से ऐसा नहीं लगता. मसलन, बैठक में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के पर्यावरण मंत्रियों को हिस्सा लेना था, लेकिन इन सभी राज्यों से कोई भी पर्यावरण मंत्री बैठक में हिस्सा लेने नहीं आया. जब इस बारे में डॉक्टर हर्षवर्धन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी बात नहीं है. हर राज्य से वहां के आला अफसर इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं और जल्द ही इस बारे में एक दूसरी बैठक बुलाई जाएगी.

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