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सूखे की मार के बीच आज शाम 4 बजे सामने आएगी मानसून की तस्वीर

कमजोर मानसून के कारण भारत का खाद्यान्न उत्पादन फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई से जून) में घटकर 25 करोड़ 20.2 लाख टन रह गया जो उसके पिछले वर्ष रिकॉर्ड 26 करोड़ 50.4 लाख टन के स्तर पर था.

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पिछले दो साल बारिश में कमी और सूखे जैसी स्थिति के बाद सरकार ने सोमवार कहा कि इस वर्ष मानसून के सामान्य रहने की उम्मीद है. मौसम विभाग शाम चार बजे इस साल होने वाली बारिश का अनुमान जारी करेगा. वहीं, केंद्र ने राज्यों को निर्देश दिया कि वे जून से शुरू होने वाले खरीफ सत्र में फसल का रकबा और उत्पादन बढ़ाने की योजना तैयार करें.

कृषि सचिव शोभना के पटनायक ने वर्ष 2016-17 के लिए खरीफ अभियान को शुरू करने के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, अल नीनो (समुद्री सतह के तामान में बदलाव की घटना) के प्रभाव में गिरावट आ रही है. ऐसी उम्मीद है कि इसके बाद ‘ला नीना’ की स्थिति आएगी और जिससे इस वर्ष मानसून बेहतर हो सकता है.' मौसम विभाग का अनुमान इस माह के उत्तरार्ध में आएगा जिसमें मानसून की स्पष्ट तस्वीर सामने आयेगी.

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खाद्यान्न उत्पादन पर पड़ा असर
कमजोर मानसून के कारण भारत का खाद्यान्न उत्पादन फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई से जून) में घटकर 25 करोड़ 20.2 लाख टन रह गया जो उसके पिछले वर्ष रिकॉर्ड 26 करोड़ 50.4 लाख टन के स्तर पर था.

'फसलों की बुवाई की पहले से तैयारी करें'
देश में 14 प्रतिशत कम बरसात होने के बावजूद चालू फसल वर्ष 2015-16 में उत्पादन मामूली बढ़त के साथ 25 करोड़ 31.6 लाख टन होने का अनुमान है. दो लगातार वषरे में कमजोर मानसून रहने के कारण देश में कृषि संकट और जल की कमी का संकट उत्पन्न हुआ है. कृषि सचिव ने राज्य सरकारों से कहा है कि बीज, उर्वरक और अन्य कृषि लागतों की पर्याप्त उपलब्धता को सुनिश्चित करते हुए धान और दलहन जैसी खरीफ (गर्मी) की फसलों की बुवाई की पहले से तैयारी कर लें.

आपदा योजना तैयार रहे...
बीते दो वर्षों में सामान्य से कम बारिश ने किसानों और संसाधनों के लिए संकट पैदा किया है. भूमि में नमी की सख्त कमी है. फरवरी में आर्थिक सर्वे में भी कहा गया था कि पिछले वर्ष जो प्रतिकूल मौसम पूरे देश में था वह संभवत: इस वर्ष नहीं होगा. हालांकि इसमें सुझाया गया है कि सरकार को फिर भी दलहन जैसी फसलों के लिए पहले से न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा करने के अलावा किसी भी विषम स्थिति से निपटने के लिए आपदा योजना के साथ तैयार रहना चाहिए.

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