शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने दिल्ली और एनसीआर के कूड़े को लेकर एक नए अभियान की शुरुआत की है. इसके तहत गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग कूड़ेदान के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा. इस अभियान में गीले कचरे के लिए हरे रंग और सूखे कचरे के लिए नीले रंग के कूड़ेदान का उपयोग करने की सलाह दी गई है .सोमवार को नायडू ने दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम से अलग-अलग कचरा एकत्र करने वाले वाहनों को झंडी दिखा कर रवाना किया.
क्या है अभियान?
इस अभियान के अंतर्गत शहर के ठोस कचरे को स्रोत पर जैसे घरों, होटलों, रेस्त्राओं में अलग-अलग किया जाएगा. गीले कचरे को हरे डिब्बों और सूखे कचरे को नीले डिब्बों में एकत्र किया जाएगा. शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने दिल्ली में कचरा पृथक्करण अभियान की शुरुआत करते हुए नागरिकों से इस अभियान में शामिल होने का आग्रह किया.
नायडू ने क्या कहा?
नायडू ने बताया कि हर घर और दुकान से कचरा अलग-अलग एकत्रित करने के लिए विभिन्न रंगों के कूड़ेदानों का उपयोग किया जाएगा. गीले कचरे के लिए हरे रंग का और सूखे कचरे के लिए नीले रंग का कूड़ादान होगा. उन्होंने कहा कचरे के खराब प्रबंधन के चलते देश में हर साल 12. 69 मिलियन टन मिथेन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसों का उत्सर्जन होता है. नायडू के मुताबिक एक हालिया अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हेपेटाइटिस, कोलेरा और मलेरिया जैसी 15 बीमारियों का कारण अनुचित रुप से ठोस कचरे का प्रबंधन है.
कचरे के सही इस्तेमाल पर जोर
वैंकया नायडू ने कहा कि पालिका क्षेत्र में ठोस कचरे से कंपोस्ट और ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. उन्होंने बताया कि कचरे से ऊर्जा बनाने के काम को प्रोत्साहित करने के लिए बिजली वितरण कंपनियों के लिए कचरे से बनी बिजली को खरीदना अनिवार्य बना दिया गया है. कचरे से कंपोस्ट बनाने के लिए सरकार हर साल प्रति टन 1500 रुपए की दर पर सब्सिडी देगी. सरकार ने स्वच्छ भारत शहरी मिशन के अंतर्गत अक्तूबर, 2019 तक घर घर जाकर ठोस कचरा एकत्र करने, उसे संयंत्र तक पहुंचाने और उसकी प्रोसेसिंग करने की व्यवस्था करने का लक्ष्य रखा है.