जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'इंडिया टुडे' को दिए अपने पहले इंटरव्यू में विभिन्न मसलों पर बेबाक राय रखी. अनुच्छेद 370 के इतिहास में बनने के बाद अपने पहले साक्षात्कार में अमित शाह ने कश्मीर में हिंसा की खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि जम्मू-कश्मीर बहुत शांतिपूर्ण है. संयोग से शाह का बयान उस दिन आया जब 70 दिनों के लॉकडाउन के बाद घाटी में पोस्टपेड मोबाइल सेवाओं को बहाल किया गया. गृह मंत्री ने 40,000 लोगों की हत्याओं के लिए अनुच्छेद 370 को भी जिम्मेदार ठहराया.
अमित शाह ने कहा, “अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद कहीं भी कोई कर्फ्यू नहीं है. केवल छह पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में धारा 144 लगाई गई है. सेब का कारोबार सुचारू रूप से चल रहा है. सड़कों पर यातायात है और बाजार भी धीरे-धीरे फिर से खुल रहे हैं. कुल मिलाकर स्थिति अच्छी है. लोग शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए मस्जिद जा रहे हैं. जम्मू और कश्मीर दोनों डिविजन में शांति है. मोबाइल सेवाएं और वॉयस कॉल भी फिर से शुरू हो गई हैं.”
एहतियातन हिरासत में हैं नेता
जब उनसे पूछा गया कि अगर कश्मीर में सब कुछ ठीक है तो पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को लॉक अप में क्यों रखा गया? इस पर गृह मंत्री ने कहा, जब कोई घटना ताजी होती है तो उकसावे का काम सही नहीं. 370 हटाए जाने के बाद 4 हजार लोगों को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया. उसमें से आज 1 हजार से कम जेल में हैं. इनमें से 800 पत्थरबाज हैं.
फारूक अब्दुल्ला पर अमित शाह ने कहा कि उन पर किसी तरह की रोक नहीं है. न तो चीफ सेक्रेटरी, थानेदार और न ही किसी और की ओर से. उन्हें नजरबंद नहीं किया गया था. जब पूछा गया कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर भी रोक है तो गृह मंत्री ने माना कि वह फिलहाल पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हाउस अरेस्ट में हैं.
कश्मीर का रोड मैप खींचा
अमित शाह ने कहा, कांग्रेस जो ढाई महीने में हो-हल्ला कर रही है, उसने शेख अब्दुल्ला को 11 साल कैद में रखा. कश्मीर पर विकास के आगे के रोड मैप पर अमित शाह ने कहा, 370 के कारण जम्मू-कश्मीर में विकास नहीं हो पाया था, भ्रष्टाचार काफी हुआ. इसकी जिम्मेदारी किसी की भी तय नहीं थी. 370 हटने के बाद अब वहां नीचे तक विकास पहुंचेगा.
अमित शाह से जब पूछा गया कि 370 हटाई गई तो कहा गया कि पत्थरबाजी होगी, जबरदस्त विरोध होगा और आतंकी हमला भी लेकिन मुश्किलें आईं लेकिन ज्यादा विरोध नहीं देखा गया. इस पर उन्होंने कहा, संसद में कहा गया था कि दंगे नहीं रक्तपात होगा. 370 से जम्मू-कश्मीर की जनता का कोई लेना-देना नहीं था. कुछ नेताओं का ही स्वार्थ इससे जुड़ा था. उन्होंने कहा कि 370 हटाने को लेकर दुनिया भारत के पक्ष में रही और माना कि यह भारत का आंतरिक मसला है. उन्होंने इसे नरेंद्र मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत बताया.
देवेंद्र फडणवीस ही बनेंगे मुख्यमंत्री
इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही होंगे. दरअसल उनसे पूछा गया था कि बीजेपी अपना अलग प्रचार करती है और शिवसेना अपना. शिवसेना कहती है कि अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी का होगा. इस पर शाह ने आशंकाओं के तमाम बादल हटाते हुए लोग पहले कहते थे कि शिवसेना हमारे साथ नहीं आएगी, आ गई. हम साथ चुनाव लड़े, जीते. फिर से हमारा गठबंधन हो गया और देवेंद्र फडणवीस ही सीएम होंगे.
देशभर में लागू होगा NRC
देश में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लेकर चल रही बहस के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा. असम में NRC लागू किए जाने के बाद पहली बार किसी चैनल को दिए अपने साक्षात्कार में शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार का एक चरित्र है. उन्होंने कहा कि हम जो कहते हैं, वह जरूर करते हैं. उचित समय आने पर हम देशभर में एनआरसी लागू करेंगे. हम सिटीजन बिल भी लाएंगे.
अयोध्या पर फैसले को जनता स्वीकार करेगी
राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमित शाह ने कहा कि इस देश की जनता राम मंदिर के मामले पर सर्वोच्च अदालत के फैसले को सम्मान के साथ स्वीकार करेगी. मुझे विश्वास है कि दोनों समुदाय इस निर्णय को स्वीकार करेंगे और समस्या का शांतिपूर्ण समाधान होगा.
क्या पति-पत्नी की सोच मिलनी चाहिएः शाह
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति के भारतीय अर्थव्यवस्था की खराब हालत को लेकर आलोचना किए जाने पर अमित शाह ने कहा कि क्या आप चाहते हैं कि पति की सोच पत्नी की सोच से मिलना ही चाहिए. यह एक ओझी सोच है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति और आंध्र प्रदेश सरकार के पूर्व संचार सलाहकार पराकला प्रभाकर ने एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत खराब है और इसे सुधारने के लिए सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए. सरकार इस संकट से निपटने के लिए कोई रोडमैप नहीं पेश कर सकी है.
'मुझ पर एनकाउंटर का केस फर्जी'
दागी नेताओं के लिए शरणस्थली बन गई है बीजेपी, के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि अगर कोई पार्टी बदलता है तो उसका मैं स्वागत करता हूं. लेकिन अगर लोग चुनते हैं तो हम उनका स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त दल-बदल करना इतना भी बुरा नहीं होता. जनादेश से पहले के दल-बदल को मैं गलत नहीं मानता.