भूमि अधिग्रहण बिल पर चौतरफा वार झेल रही केंद्र सरकार को अब अंदरखाने से भी चोट लगी है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने इशारों में कहा है कि मोदी सरकार का यह बिल किसान विरोधी था. शनिवार को किसानों के बीच एक सभा को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, 'मेरी वजह से बिल में 9 संशोधन हुए. भूमि अधिग्रहण बिल पेश करने से पहले मुझे रात को नींद नहीं आई.'
ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा, 'भूमि अधिग्रहण बिल पेश करने से पहले मुझे रात को नींद नहीं आई. मेरी वजह से भूमि अधिग्रहण बिल में 9 संशोधन हुए. मैंने पार्लियामेंट में भी कहा कि मैं पहले किसान का बेटा हूं.'
हालांकि बाद में उन्होंने मौजूदा संशोधित बिल की पैरोकारी करते हुए कहा कि सरकार किसान की जमीन किसी बड़े साहूकार या उद्योगपति को नहीं देगी.
गौरतलब है कि बजट सत्र के शुरू होते ही संसद से लेकर सड़क तक भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर घमासान मचा हुआ है. कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल बिल का विरोध कर इसे किसान विरोधी बता रहे हैं, वहीं समाजसेवी अन्ना हजारे ने भी बिल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अन्ना इस ओर पदयात्रा कर रहे हैं तो बिहार के सीएम नीतीश कुमार कानून के खिलाफ 24 घंटों का उपवास.
हालांकि इस ओर विपक्ष के भारी विरोध और बहिष्कार के बावजूद 10 मार्च को लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल पारित हो गया. किसानों और सिविल सोसाइटी कार्यकर्ताओं द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के समाधान के लिए सरकार ने 9 संशोधन पेश किए. जबकि बिल को लेकर असली पेंच राज्यसभा में फंसा हुआ है, क्योंकि सरकार के पास वहां बहुमत नहीं है.