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Ram Mandir Case: केंद्रीय गिरिराज बोले- राम मंदिर मामले की सुनवाई टलने से पहुंचा दुख

Ram Janmabhoomi-Babri Masjid title dispute case केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि देश के बहुसंख्यक समाज की जनता चाहती थी कि राम मंदिर मामले की रोजाना सुनवाई हो, क्योंकि यह एक साधारण मुद्दा नहीं, बल्कि भारत की अस्मिता का मुद्दा है, लेकिन मामले की तारीख 10 जनवरी तक टाले जाने का फैसला सुनकर दुख हुआ.

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Union minister Giriraj Singh (Photo- aajtak.in)
Union minister Giriraj Singh (Photo- aajtak.in)

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देश को राम मंदिर मामले में 4 जनवरी की तारीख का इंतजार था, लेकिन आज शुक्रवार को भी इसकी तारीख टल गई. राम मंदिर निर्माण का मुद्दा आम नहीं है. यह देश की अस्मिता का मुद्दा है. ये बातें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कही. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मामले की सुनवाई को 10 जनवरी तक के लिए टाल दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई के लिए एक बेंच का गठन किया जाएगा, जो इस पर रोजाना सुनवाई करने समेत सभी पहलुओं पर फैसला करेगा.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि देश के बहुसंख्यक समाज की जनता चाहती थी कि इस मामले की रोजाना सुनवाई हो, क्योंकि यह एक साधारण मुद्दा नहीं, बल्कि भारत की अस्मिता का मुद्दा है, लेकिन मामले की तारीख 10 जनवरी तक टाले जाने का फैसला सुनकर दुख हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर निर्माण को लेकर दिए बयान पर गिरिराज सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने संवैधानिक सत्ता के उच्च स्तर पर बैठे हैं. उन्होंने जो कहा, वो संवैधानिक और कानून सम्मत कहा.

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की शिवसेना की मांग पर गिरिराज सिंह ने कहा, 'यह सत्ता की लड़ाई नहीं है, जो लोग इसे सत्ता के साथ जोड़कर देखते हैं. मैं उन्हें दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहता हूं कि जिस दिन बीजेपी और जनसंघ का जन्म हुआ था, यह मामला उससे पहले का है. यह वोट का मामला नहीं है. यह भारत की अस्मिता का मामला है.'

राम मंदिर निर्माण पर अध्यादेश लाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि इंतजार कीजिए, इसके लिए अध्यादेश भी आएगा. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि मोदी सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कब अध्यादेश लेकर आएगी. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण का मुद्दा बीजेपी के लिए गले की फांस बन गया है. विश्व हिंदू परिषद समेत तमाम हिंदूवादी संगठन और साधु-संत इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को लगातार घेर रहे हैं.

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