23 अगस्त 2014 को एक अखबार की हेडलाइन थी. ‘खर्च में कटौती के लिए छोटे प्रतिनिधिमंडलों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राएं’. इस लेख में ये भी कहा गया था, ‘प्रधानमंत्री मोदी अपने विदेश दौरों पर ना सिर्फ मीडिया दल बल्कि खुद के प्रतिनिधिमंडल को भी छोटा रख रहे हैं. अधिकारियों और मंत्रिमंडल के सहयोगियों को भी इन दौरों से अलग रखा जा रहा है.’
इस रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी नेपाल की यात्रा के दौरान 42 लोगों का दल साथ ले गए थे. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के विदेश दौरों पर कथित तौर पर उनके साथ जाने वाली टीम में करीब 70 सदस्य शामिल रहते थे, जबकि मीडिया दल इससे अलग होता था.
रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से ये भी कहा गया, ‘प्रतिनिधिमंडल को छोटा रखना प्रधानमंत्री के उस निर्देश के मुताबिक है, जो उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा को देखते हुए खर्च में कटौती के लिए दिया.’
अक्टूबर 2014 में सरकार ने पांच सितारा होटलों में अधिकारियों के बैठक करने पर भी रोक लगा दी. खर्च कम करने की मुहिम के तहत ही सरकार ने शीर्ष नौकरशाहों के बिजनेस क्लास से हवाई यात्रा करने की भी मनाही कर दी. मंत्रियों को नए वाहन खरीदने और नए पद गठित करने से मना कर दिया गया. मंत्रियों पर भी पांच सितारा होटलों में कॉन्फ्रेंस करने पर रोक लगा दी गई.
खर्च कम करने के उन शुरुआती कदमों के चार साल बाद इंडिया टुडे ने जानने का प्रयास किया कि क्या मोदी के मंत्री अब भी खर्च कम रखने की ही नीति पर चल रहे हैं? हमने कई आरटीआई याचिकाएं दाखिल कर जानना चाहा कि क्या मंत्री अपनी विदेश और घरेलू यात्राओं के लिए चार्टर्ड उड़ानों का सहारा ले रहे हैं? सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में ऐसी ही एक आरटीआई दाखिल की गई. इस याचिका मे मौजूदा मंत्री और पूर्व मंत्री की ओर से चार्टर्ड विमान को किराए पर लेने के खर्च के अलावा कारण, फ्रीक्वेंसी और यात्रा के स्थान के बारे में भी पूछा गया.
सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्रालय से जो जवाब मिला, उसके मुताबिक मौजूदा मंत्री नितिन गडकरी के कार्यकाल में दो बार चार्टर्ड विमानों को किराए पर लिया गया. पहली बार मई 2015 में जब गडकरी जहाजरानी मंत्रालय के लिए सहमति-पत्र पर दस्तखत करने के लिए तेहरान और चाबहार गए थे. ये भारतीय वायुसेना का एम्ब्रेयर विमान था और इसके इस्तेमाल के लिए मंत्रालय ने 81,18,000 रुपये का भुगतान किया था. गडकरी दिल्ली से पहले तेहरान और फिर वहां से चाबहार गए थे. वहां से वे दिल्ली लौटे.
एक महीने बाद गडकरी के मंत्रालय ने फिर उनके लिए चार्टर्ड विमान की सेवा ली, जब वो प्रतिनिधिमंडल के साथ भूटान गए. वहां उन्हें बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक में हिस्सा लेना था. इस बार भी भारतीय वायुसेना के एम्ब्रेयर विमान को किराए पर लिया गया जिसके लिए 49,81,500 रुपये का भुगतान किया गया. गडकरी नई दिल्ली से पहले नागपुर गए और फिर वहां से पारो (भूटान) गए और दिल्ली लौटे. संयोगवश नागपुर गडकरी का गृहनगर है. गडकरी की दोनों चार्टर्ड यात्राओं के किराए के तौर पर कुल 1,30,99,500 रुपये खर्च हुए.
इसी आरटीआई में हमने ये सवाल भी किया था कि मंत्रालय ने पूर्व मंत्री कमलनाथ के लिए कितनी बार विमान किराए पर लिया गया? और उसका कारण, तारीख, रूट और खर्च के बारे में भी पूछा गया. मंत्रालय ने इसके जवाब में कहा कि इस संदर्भ में सूचना को ‘नगण्य माना जाए.'