scorecardresearch
 

Huawei के 5G ट्रायल से नाराज स्वदेशी जागरण मंच, रविशंकर बोले- सबको मिलेगा अवसर

स्वदेशी जागरण मंच के ऐतराज के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी केंद्र सरकार का पक्ष रखा है. रविशंकर प्रसाद ने केरल के तिरुअनंतपुरम में कहा कि 5जी स्पेक्ट्रम का अवसर सबके लिए खुला है. यह केवल ट्रायल के लिए है.

Advertisement
X
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (फाइल फोटो- PIB)
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (फाइल फोटो- PIB)

Advertisement

  • भारत में 5G का ट्रायल करेगी चीन की कंपनी Huawei
  • स्वदेशी जागरण मंच ने ट्रायल का किया विरोध
  • रविशंकर प्रसाद बोले- सबके लिए उपलब्ध है समान अवसर
भारत में जल्द ही 5G की शुरुआत होने वाली है. देश में 5G ट्रायल चीन की एक कंपनी Huawei करेगी. नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले का स्वदेशी जागरण मंच ने विरोध किया है. स्वदेशी जागरण मंच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की अनुषांगिक शाखा है. स्वदेशी जागरण मंच ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर असंतोष जाहिर किया है. प्रधानमंत्री मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि यह ट्रायल देश की सुरक्षा और गोपनीयता के लिए खतरा है.

स्वदेशी जागरण मंच की ओर से पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी केंद्र सरकार का पक्ष रखा है. रविशंकर प्रसाद ने केरल के तिरुअनंतपुरम में कहा कि 5जी स्पेक्ट्रम का अवसर सबके लिए खुला है. यह केवल ट्रायल के लिए है. मेरी इच्छा है कि भारत 5जी इनोवेशन के लिए, अच्छी स्पीड के लिए हब के तौर पर विकसित हो. हम इसके लिए काम करेंगे. फिलहाल यह केवल ट्रायल है.

Advertisement

दरअसल सरकार सभी टेलिकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों को ट्रायल के लिए 5G स्पेक्ट्रम मुहैया करवाएगी और ऑपरेटर एरिक्शन, नोकिया, सैमसंग और Huawei को अपने पार्टनर वेंडर के रूप में चुन सकते हैं. स्वदेशी जागरण मंच चीनी कंपनी Huawei का विरोध कर रही है.

क्या है स्वदेशी जागरण मंच की मांग?

स्वदेशी जागरण मंच की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि Huawei को ट्रायल देना स्वदेशी टेलीकॉम कंपनियों के हितों के विरुद्ध है. घरेलू व्यापारियों को हमेशा ये संदेह बना रहेगा कि एक चाइनीज कंपनी ने यहां पांव पसार लिया, साथ ही प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए ज्यादा निवेश की बात कही.

स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि चीनी कंपनियों की हमारे टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम में मौजूदगी से हमारे राष्ट्रीय हितों को खतरा भी होगा. इससे पहले भी सबूत मिले हैं जब चीन की कंपनियों में गोपनीय जनाकारियों में अपने डिवाइसों के जरिए सेंध लगाने की कोशिश की है.

चीन को न मिले ट्रायल का अवसर

डेटा चोरी के शक में कई विदेशी कंपनियों ने सैन्य और साइबर सुरक्षा में हैकिंग की है, सेंध लगाई है. चीन की इंटेलिजेंस कंपनी दूसरे देशों की गोपनीय जानकारियों को अपनी सरकार के निर्देश पर साझा करती हैं. यह गलत खबर फैलाई गई है कि भारत 5जी नेटवर्क और 6जी को उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है.

Advertisement

मंच की ओर से कहा गया है कि हम डिजिटल दुनिया में भारतीय हितों के साथ समझौता नहीं करेंगे. यह सही समय है जब घरेलू कंपनियों को तरजीह दी जाए. 5जी ट्रायल के लिए चीन की कंपनियों को अवसर न दिया जाए.

Advertisement
Advertisement