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विशिष्ट आईडी नंबर से पारदर्शिता लाने में मिलेगी मदद: नीलेकणि

विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने कहा है कि विशिष्ट आई डी नंबर से आम आदमी को घर बैठे आवागमन, तरजीह, पारदर्शिता और जवाबदेही उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी.

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विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने कहा है कि विशिष्ट आई डी नंबर से आम आदमी को घर बैठे आवागमन, तरजीह, पारदर्शिता और जवाबदेही उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी.

इन्फोसिस के सह संस्थापक नीलेकणि ने कहा कि यूआईडी देश के हाशिये पर बैठे लोगों की मदद के लिए लायी गयी योजना है. वह इस समय सरकार की महत्वाकांक्षी ‘भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण’ के प्रमुख हैं.

उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए ‘‘बिजली, सड़क और पानी’’ का नारा दिया जाता है जो विकास की जरूरत को रेखांकित करता है लेकिन अब यह नारा एक नयी पहचान लेगा और इसे ‘‘बैंक खाता, मोबाइल नंबर तथा यूआईडी’’ से जाना जाएगा.

नीलेकणि ने कहा कि 16 अंकों का यह विशिष्ट पहचान नंबर अगले दशक का मूलभूत हिस्सा होगा जो अगले वर्ष से जारी किया जाएगा.

यहां स्कॉच फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक समारोह से इतर नीलेकणि ने बताया कि इस परियोजना में भागीदार बनाने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों तथा सभी राज्य सरकारों से पहले ही बातचीत हो चुकी है जिसका मकसद देश के सभी निवासियों को उनका विशिष्ट पहचान नंबर देना है.

इस परियोजना में जनता की भागीदारी के संबंध में पूछे जाने पर नीलेकणि ने कहा कि यह बेहद संवेदनशील है और जनता परियोजना में स्वैच्छिक तौर पर भाग ले सकती है. उन्होंने बताया‘‘ हम मोबाइल कंपनियों , बैंकों तथा हर किसी इच्छुक व्यक्ति समेत प्रमुख औद्योगिक घरानों से भी बात कर रहे हैं.’’{mospagebreak}नीलेकणि ने कहा कि 1960 और 70 के दशक के ‘‘रोटी, कपड़ा और मकान’’ के नारे के बाद पिछले दो दशक से ‘‘बिजली , सड़क और पानी’’ का नारा लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा‘‘ मुझे लगता है कि अगले दस सालों में यह नारा ‘बैंक खाता , मोबाइल नंबर और यूआईडी’ का होगा.

ये सभी विचार अभी ठोस शक्ल में नहीं हैं लेकिन ये सशक्तिकरण, पहुंच और अवसर के माध्यम हैं.’’ नीलेकणि ने कहा कि यूआईडी नंबर उन लाखों भारतीयों को दिए जाएंगे जिनके पास जन्म प्रमाणपत्र के अभाव में अपनी पहचान साबित करने का कोई जरिया नहीं हैं.

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