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पूर्व जनरल वीके सिंह पर लगी आरोपों की झड़ी, जांच करवा सकता है रक्षा मंत्रालय

अन्‍ना के आंदोलन से जुड़े और हाल ही में बीजेपी के पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने वाले पूर्व थल सेनाध्‍यक्ष वीके सिंह जांच के घेरे में आ सकते हैं. सेना ने उनके खिलाफ कई गंभीर मामलों में रक्षा मंत्रालय से जांच की सिफारिश की है.

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वीके सिंह
वीके सिंह

अन्‍ना के आंदोलन से जुड़े और हाल ही में बीजेपी के पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने वाले पूर्व थल सेनाध्‍यक्ष वीके सिंह जांच के घेरे में आ सकते हैं. सेना ने उनके खिलाफ कई गंभीर मामलों में रक्षा मंत्रालय से जांच की सिफारिश की है.

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वीके सिंह के खिलाफ आरोपों की फेहरिस्‍त काफी लंबी है. उन पर जम्‍मू-कश्‍मीर की उमर अब्‍दुल्‍ला सरकार को अस्थिर करने के लिए सीक्रेट सर्विस फंड का दुरुपयोग करने, रक्षा मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों की अवैध तरीके से फोन टेप करने, वित्तीय गड़बड़ियां करने जैसे गंभीर आरोप हैं.

माना जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय वीके सिंह के खिलाफ इन आरोपों की जांच सीबीआई से करवा सकता है. अगर ऐसा हुआ, तो पूर्व जनरल के लिए बड़ी मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं. जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय इस बारे में पीएमओ को अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है. इसके बाद कुछ ठोस कदम उठाए जा सकते हैं.

सेना ने रक्षा मंत्रालय से जनरल वीके सिंह द्वारा बनाई गई 'सीक्रेट इंटेलिजेंस यूनिट' के कामकाज की उच्चस्तरीय जांच के आदेश देने का अनुरोध किया है. सेना को शक है कि इस यूनिट ने ‘गैरकानूनी काम’ और वित्तीय गड़बड़ियां कीं.

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सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की अवैध तरीके से फोन टैपिंग करने के आरोपी तकनीकी सहायता विभाग के बारे में सेना की रिपोर्ट हाल में रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई है. रिपोर्ट में इस यूनिट के कामकाज की जांच की सिफारिश की गई है.

इस बारे में सेना मुख्यालय ने कहा है कि उनकी ओर से यह मामला बंद है. सेना मुख्‍यालय ने इस बारे में और टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

सूत्रों के मुताबिक, सेना अपनी ओर से इस यूनिट के खिलाफ जांच नहीं करना चाहती है. सेना नहीं चाहती है कि वह अपने पूर्व जनरल के खिलाफ कार्रवाई करे, क्‍योंकि यह सेना की साख से जुड़ा मामला है. पर आगे यह मामला क्‍या मोड़ लेता है, अभी कहना जल्‍दबाजी होगी.

यह रिपोर्ट जनरल बिक्रम सिंह द्वारा इस टॉप सीक्रेट यूनिट के कामकाज की समीक्षा के लिए गठित अधिकारी बोर्ड (बीओओ) की ओर से सैन्य अभियान के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने तैयार की.

वीके सिंह ने दी सफाई
इन खबरों पर जनरल वीके सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से आपसी झगड़ा है, क्योंकि कुछ लोग उनके द्वारा देश के पूर्व सैनिकों के हितों के लिए नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने से सहज महसूस नहीं कर रहे हैं.

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वीके सिंह ने कहा कि अगर किसी ने इस यूनिट के क्रियाकलापों की जांच की सिफारिश की है, तो वह एकदम गैरजरूरी काम कर रहा है, क्योंकि यह अभियान गुप्त रखने के लिए था.

बहरहाल, देखना है कि सेना में कई तरह की गड़बडि़यों की ओर पूरे देश का ध्‍यान खींचने वाले वीके सिंह अपने ऊपर लगे दाग धोने में कितना कामयाब होते हैं.

 

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