तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद भी किसान संगठन दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं. गुरुवार को 12 बजे किसान संगठनों की बैठक होगी, जिसमें आंदोलन को खत्म करने पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है. बता दें कि कृषि कानून वापसी के बाद किसानों की अन्य मांगों पर केंद्र सरकार ने जो प्रस्ताव दिया है, उसे किसान संगठनों ने मान लिया है.
जानकारी के मुताबिक, किसानों के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेने की मांग मानने के लिए सरकार तैयार हो गई है. इसके बाद गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक होने जा रही है.
इससे पहले एसकेएम की तरफ से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार की तरफ से संशोधित मसौदा प्रस्ताव मिलने की पुष्टि की गई थी. अब सरकार के दिए प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा में आम सहमति बन गई है.
ऐसे में गुरुवार दोपहर 12 बजे होने वाली बैठक बेहद अहम माना जी रही है. इससे यह साफ हो जाएगा कि एक साल से चल रहा किसान आंदोलन समाप्त हो जाएगा या किसान अपनी अन्य मांगों को लेकर इसे आगे भी जारी रखेंगे.
बता दें कि किसान तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद अब केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गारंटी चाहते हैं. इसके अलावा किसान संगठन अलग-अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन को लेकर किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए केसों को भी वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन के नेता और प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मांग की है कि सरकार टेबल पर आमने-सामने बैठकर बातें करे. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि सरकार ये भी बता दे कि इसमें 5 दिन लगेंगे या 10 दिन लेकिन ये होना चाहिए.
इसके अलावा आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवार के लिए किसान संगठन मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
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