चक्रवाती तूफान फानी से निपटने के भारत के प्रयासों की संयुक्त राष्ट्र ने सराहना की है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारतीय मौसम विभाग की सटीक और अचूक भविष्यावाणी से फानी से कम से कम नुकसान हुआ. दुनिया भर की प्राकृतिक आपदाओं पर निगाह रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की 'डिजास्टर रिडक्शन' एजेंसी यूएन ऑफिस फॉर डिजास्टर रिडक्शन (UNISDR)ने कहा कि भारत के मौसम विभाग ने लगभग अचूक सटीकता के साथ फानी चक्रवात के बारे में जानकारी दी, इसका नतीजा ये हुआ कि सरकारी विभागों को लोगों को फानी के प्रभाव में आने वाले इलाके से निकालने के लिए पूरा वक्त मिला. इसके तहत 10 लाख से ज्यादा लोगों को आपदा राहत केंद्रों में ले जाया गया.
UNISDR के प्रमुख और डिजास्टर रिस्क रिडक्शन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि मामी मिजुतोरी ने कहा, "प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भारत द्वारा अपनाया गया जीरो कैजुअलिटी एप्रोच सेनदाई रूपरेखा के क्रियान्वयन में और ऐसी घटनाओं में अधिक जिंदगियां बचाने में बड़ा योगदान है."
Advisory distributed by @ndmaindia and local authorities days before #CycloneFaniUpdates made landfall in effort to minimize loss if life and injury #GP2019Geneva #ResilienceForAll #CycloneFani pic.twitter.com/5q2w2QBNkS
— UNDRR (@unisdr) May 3, 2019
प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ा सेनदाई फ्रेमवर्क 2015 से लेकर 2030 तक के लिए दुनिया के अहम देशों के बीच किया गया एक स्वैच्छिक समझौता है. इसके तहत फानी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राज्य की ये जिम्मेदारी होती है कि हताहतों की संख्या कम से कम करने के सारे उपाय किए जाएं. साथ ही इस फ्रेमवर्क के तहत आपदा से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन, प्राइवेट सेक्टर और दूसरे स्टैकहोल्डर का भी साथ लेने की अपील की गई है.
भारतीय मौसम विभाग ने फानी को "अत्यंत भयावह चक्रवाती तूफान" की श्रेणी में रखा है. बता दें कि भारत में पिछले 20 साल में आए इस सबसे भयंकर तूफान ने भारत के पूर्वी राज्य ओडिशा के तट से टकराने के बाद कम से कम 12 लोगों की जान ले ली. फानी के प्रभाव से पुरी, भुवनेश्वर, पारादीप में 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं. इसके असर से इन इलाकों में तेज बारिश हुई और समुद्री तटों पर बाढ़ आ गई.
तीर्थस्थल पुरी में समुद्र तट के पास स्थित इलाके और अन्य स्थान भारी बारिश के बाद जलमग्न हो गए जिससे राज्य के करीब 11 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने ट्वीट कर कहा कि भारत की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए अलर्ट से फानी के नुकसान को कम करने में मदद मिली.
वहीं फानी से हुए तबाही पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है और दुनिया का ध्यान जलवायु परिवर्तन की ओर आकर्षित किया है. संयुक्त राष्ट्र की संस्था UNICEF ने कहा है कि जलवायु में बदलाव का सबसे बड़ा असर बच्चों पर पड़ रहा है. UNICEF आगाह किया है कि ये प्राकृतिक घटनाएं दुनिया के नेताओं के लिए इस मुद्दे पर सचेत होने का वक्त है.