अगर आपको अच्छे कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल सका या जिनके पास कॉलेज जाकर पढ़ने का समय नहीं है, लेकिन आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं. उनके लिए अच्छी खबर है. सरकार ने फैसला किया है कि उच्च शिक्षा में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए अब ऑनलाइन डिग्री भी दी जाएगी.
मंगलवार को दिल्ली में हुई शिक्षा सलाहकार समिति यानि केब की बैठक में फैसला किया गया कि देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों को अधिकार दिया जाएगा कि वह कला और मानविकी विषय में ऑनलाइन डिग्री भी दे सकेंगे. इसके बारे में अगले एक महीने में नियम बन जाएंगे. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि फैसला लिया गया है कि जो यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय मानक में A Plus की श्रेणी में होंगे, ऑनलाइन डिग्री देने का अधिकार सिर्फ उन्हीं विश्वविद्यालयों को मिलेगा. उम्मीद की जा रही है कि करीब 15 फ़ीसदी विश्वविद्यालय ऐसे होंगे जिन्हें ऑनलाइन डिग्री देने का अधिकार मिलेगा.
ऑनलाइन कोर्स सिर्फ नॉन टेक्निकल विषयों के लिए ही होगा और विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देने के लिए ऑनलाइन सेशन भी किए जाएंगे. ऑनलाइन डिग्री पाने के लिए परीक्षा जीमैट की तर्ज पर होगी.
यह फैसला सरकार ने इसीलिए किया है ताकि उच्च शिक्षा में ज्यादा से ज्यादा लोग आ सके. अभी सिर्फ 25 प्रतिशत छात्र ही उच्च शिक्षा में आते हैं, लेकिन सरकार इसे 3 सालों के भीतर बढ़ाकर 30% करना चाहती है.