रोहित वेमुला की खुदकुशी के बाद जहां राज्य से लेकर केंद्र तक राजनीतिक गहमागहमी चरम पर है, वहीं हैदराबाद यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने गुरुवार को बैठक के बाद तुरंत प्रभाव से सभी चार छात्रों का निलंबन रद्द कर दिया है. रोहित भी निलंबित छात्रों में से एक था.
यूनिवर्सिटी से इस ओर जारी अपने बयान में कहा है, '21 जनवरी 2016 को एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में यूनिवर्सिटी के असाधारण हालात पर चर्चा की गई. इस दौरान तमाम मुद्दों पर गहन चर्चा के बाद काउंसिल ने निर्णय किया है कि छात्रों के निलंबन को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाता है.' छात्रों से यूनिवर्सिटी में शांति और सौहार्द बनाए रखने की मांग की गई है.
बता दें कि दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले पर हैदराबाद यूनिवर्सिटी मेें विवाद बढ़ता जा रहा है. एससी/एसटी टीचर्स और अधिकारियों की फोरम ने एक प्रेस रिलीज जारी करके मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के हालिया बयान की निंदा की. इसके बाद इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है.
स्मृति ईरानी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ बयान दिए थे, जिसपर फोरम ने आपत्ति जताई है और कहा कि केंद्रीय मंत्री ने इस मामले में तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया. दलित प्रोफेसर्स एसोसिएशन ने कहा है कि 50 से 60 फैकल्टी सदस्य प्रशासनिक पदों से इस्तीफा देंगे. इससे पहले खबर आई थी कि स्मृति ईरानी के बयान की निंदा करते हुए हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के 10 दलित प्रोफेसर्स ने प्रशासनिक पदों से इस्तीफा दे दिया है.
चीफ मेडिकल ऑफिसर(CMO), एक्जामिनेशन कंट्रोलर और हॉस्टल के सभी SC/ST वॉर्डन ने भी इस्तीफे दे दिए हैं.
#RohithVemula suicide case: Ten professors of University of Hyderabad resign from administrative posts
— ANI (@ANI_news) January 21, 2016
SC/ST forum members say that bcoz of fabricated info spread by HRD Min,they decided to lay down their admin positions-Prabhakar,JAC member
— ANI (@ANI_news) January 21, 2016
प्रोफेसर नागेश्वर राव ने कहा, 'फैकल्टी में हम 50-60 सदस्य हैं. हम सब SC/ST कैटेगरी में आते हैं. हम सब अपने पदों से इस्तीफा देंगे. यहां सालों से सामाजिक भेदभाव चल रहा है.'
उन्होंने यूनिवर्सिटी के मौजूदा वाइस चांसलर अप्पा राव के बारे में कहा, 'जब अप्पा राव चीफ वॉर्डन थे, उस वक्त मैं छात्र था. मैं एक दलित वॉर्डन के लिए लड़ा था, जो सीनियर थे लेकिन उन्हें सफाई और बागबानी करनी पड़ती थी. उस वक्त चीफ वॉर्डन ने मुझे रस्टिकेट कर दिया था.'
फोरम ने कहा मंत्री का ये कहना गलत है कि जिस कमेटी ने छात्रों को सस्पेंड करने का फैसला किया उसमें एक दलित प्रोफेसर भी शामिल थे.
बंडारू को बचाने की कोशिश
रिलीज में कहा गया है कि इस मामले को गलत तरफ मोड़कर ईरानी खुद को और बंडारू दत्तात्रेय को रोहित वेमुला की मौत की जिम्मेदारी लेने से बचाने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा था कि रोहित वेमुला के सुसाइड नोट में किसी अधिकारी या सांसद का नाम नहीं था. फैकल्टी ने रिलीज में कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि माननीय मंत्री जी ये कहते हुए देश को गुमराह कर रही हैं कि होस्टल वॉर्डन के पास छात्रों को निकालने का अधिकार है.
'दलित फैकल्टी HRD मंत्री स्मृति ईरानी के बयान की पूर्ण रूप से निंदा करती है. 20 जनवरी को दिए उनके बयान पर हम घोर आपत्ति जाहिर करते हैं.'
इस्तीफा देने की बात
प्रेस रिलीज में कहा गया कि, 'माननीय मंत्री जी के मनगढ़ंत बयानों के जवाब में हम दलित फैकल्टी और अधिकारी अपने पदों से इस्तीफा देंगे.'
छात्रों का साथ
प्रेस रिलीज में कहा गया है कि दलित फैकल्टी प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ है. उसमें लिखा है, 'हम रोहित वेमुला की मौत के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ हैं और अपने छात्रों के सस्पेंशन और उनके खिलाफ पुलिस में दर्ज सभी मामलों को वापस लेने की मांग करते हैं.'
झड़प के बाद यूनिवर्सिटी ने किया निलंबित
पिछले साल अगस्त में पांच दलित छात्रों(रोहित सहित) को ABVP के कार्यकर्ताओं से झड़प के बाद निलंबित कर दिया गया था. यह सब दिल्ली विश्वविद्यालय में 'मुजफ्फरनगर बाकी है' वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग पर ABVP के हमले के बाद शुरू हुआ. दलित छात्रों ने ABVP के इस कदम की निंदा करते हुए इसके विरोध में कैम्पस में प्रदर्शन किया था. इसके बाद इन छात्रों को हॉस्टल से दिसंबर में निकाल दिया गया था.
केंद्रीय मंत्री भी शामिल
इस मामले में केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय का नाम सामने आ रहा है. जानकारी के मुताबिक उन्होंने 17 अगस्त 2015 में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखी थी. यह चिट्ठी अंबेडकर स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन के सदस्यों की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान ABVP के अध्यक्ष सुशील कुमार के साथ कथित तौर पर धक्का-मुक्की की घटना के बाद लिखी गई थी. मानव संसाधन मंत्रालय ने बंडारू दत्तात्रेय के खत के बाद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को चार चिट्ठियां लिखी थीं और दलित छात्रों पर कार्रवाई की मांग की थी.