केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने एक सभा में कहा कि दाढ़ी-बाल बढ़ाकर और झोला टांगकर ‘जीनियस’ दिखने की कोशिश नहीं करें, इससे किताबी ज्ञान सीमित रहता है.
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री सड़क विकास फेलो (PMRDF) से कहा कि वे व्यावसायिक संस्थानों का पढ़ाया हुआ ‘कचरा’ दिमाग से निकाल दें. उन्होंने कहा कि उनके लिए अवसर है कि वे अपने हुनर और क्षमता को विकसित कर व्यवस्था में काम करना सीखें.
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने भोपाल में प्रशासन अकादमी में देश के 83 जिलों से आए फेलो को संबोधित करते हुए उन्हें यह सलाह भी दी कि वे व्यवस्था को कोसने के बजाय व्यवस्था में रहें और उसे ठीक करें. इंजीनियरिंग, कानून और प्रबंधन संस्थानों से पढ़कर निकले ये फेलो केन्द्र सरकार की योजना के तहत देश के ग्रामीण एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि हालांकि व्यवस्था में काम करने से कुंठा आती है, क्योंकि आप योजना और तंत्र की हकीकत से रूबरू होते हैं, लेकिन इसे चुनौती के रूप में लें और व्यवस्था को कोसने के बजाय उसमें रहकर उसे ठीक करें.
रमेश ने कहा कि देश में ग्रामीण योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए कैग और योजना आयोग के समान अनुवर्ती लेखा परीक्षण केंद्र बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि कैग और योजना आयोग, तो योजना पूरी होने के बाद ऑडिट करते हैं, लेकिन यह केंद्र योजना के बीच में मूल्यांकन करने के साथ ही सुधार के सुझाव देगा. उन्होंने कहा कि जून में इस योजना का एक साल पूरा हो जायेगा . इसके बाद दूसरे चरण में इस योजना के तहत अनुवर्ती लेखा परीक्षण केंद्र खोला जायेगा, जो ग्रामीण विकास योजनाओं की निगरानी करेगा.
इस अवसर पर मध्य प्रदेश ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव अरुणा शर्मा ने कहा कि अनुवर्ती लेखा परीक्षण का यह प्रयोग मध्य प्रदेश में शुरू किया गया है, जिसे पूरे देश में अपनाया जा रहा है.