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क्या है जनप्रतिनिधित्व कानून जिसने छीन ली 12 नेताओं की कुर्सी, अब सेंगर का नंबर

उत्तर प्रदेश के उन्नाव रेप मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को तीस हजारी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है और 25 लाख का जुर्माना लगाया है. इसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर की विधायकी जानी तय हो गई है. देश में लोक जनप्रतिनिधित्व कानून के आने के बाद से अब तक 12 सांसद और विधायकों को विभिन्न अपराधों में दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है.

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उन्नाव रेप मामले के दोषी करार दिए गए बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर
उन्नाव रेप मामले के दोषी करार दिए गए बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर

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उत्तर प्रदेश के उन्नाव रेप मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को तीस हजारी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है और 25 लाख का जुर्माना लगाया है. इसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर की विधायकी जानी तय हो गई है और साथ ही वो अब ताउम्र चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. सेंगर इकलौते विधायक नहीं है जिन्हें अपनी योग्यता गंवानी पड़ रही है. देश में लोक जनप्रतिनिधित्व कानून के आने के बाद से अब तक 12 सांसद और विधायकों को विभिन्न अपराधों में दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है.

दरअसल दस जुलाई 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने लिली थामस बनाम भारत संघ मामले में एक बड़ा फैसला दिया था. कोर्ट ने फैसला दिया था कि अगर कोई विधायक, सांसद या विधान परिषद सदस्य किसी भी अपराध में दोषी पाया जाता है और इसके चलते उसे कम से कम दो साल की सजा होती है तो ऐसे में वो तुरंत अयोग्य हो जाएगा यानी जनप्रतिनिधि नहीं रहेगा. इस तरह से उसकी योग्यता खत्म हो जाएगी. इसके बाद से लगातार विधायक और सासंद दोषी ठहराए जाने के बाद से विधायकी और संसद सदस्यता खो रहे हैं.

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लालू यादव

राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू यादव सितंबर, 2013 में चारा घोटाले के दोषी पाए गए थे. इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी, जिसके बाद चुनाव लड़ने पर रोक लग गई थी. इसके बाद से लालू जेल में बंद हैं.

जयललिता

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम की मुखिया रहीं जे जयललिता को सितंबर 2014 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी पाया गया था. 10 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगी थी, जिसके बाद उन्हें  सीएम पद छोड़ना पड़ा था.

कमल किशोर भगत

झारखंड में आजसू विधायक कमल किशोर भगत को दोषी करार दिए जाने के बाद अपनी कर्सी गंवानी पड़ी है. कमल किशोर भगत तो जून 2015 में हत्या के दोषी पाए गए थे, जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी. बता दें कि कमल किशोर भगत 2014 में झारखंड की लोहरदगा सीट से आजसू के टिकट पर विधायक चुने गए थे.

रशीद मसूद

काजी रशीद मसूद राज्यसभा के सांसद रहते हुए दोषी पाए गए थे, जिसके बाद उन्हें राज्यसभा सदस्यता चली गई थी. रशीद मसूद उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा के सांसद थे. 2013 में एमबीबीएस सीट घोटाले में दोषी पाए गए थे. चार साल की सजा हुई और सांसदी चली गई थी.

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सुरेश हलवंकर

महाराष्ट्र में बीजेपी के विधायक सुरेश हलवंकर को भी अपनी सदस्यता गवांनी पड़ी है. सुरेश हलवंकर को बिजली चोरी के मामले में कोर्ट ने मई, 2014 में तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी, जिसके चलते उनकी विधायकी चली गई. हालांकि उन्होंने हाई कोर्ट से निचली अदालत के फैसले के खिलाफ स्टे लेकर आए थे और 2014 में चुनाव लड़कर विधायक चुने गए थे.

जगदीश शर्मा

बिहार के जगदीश शर्मा को भी चारा घोटाले में सजा हुई थी, जिसके बाद सांसदी चली गई थी. बिहार के जहानाबाद से सांसद थे. शर्मा 2013 में चारा घोटाले में दोषी पाए गए थे, जिसके बाद सांसद सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था. जगदीश शर्मा को लालू यादव के साथ चार साल की सजा हुई. सजा पूरी होने के छह साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा में सक्रिय हैं.

पप्पू कालानी

महाराष्ट्र की उल्लाहसनगर सीट से निर्दलीय विधायक पप्पू कालानी को अपनी सदस्यता गवांनी पड़ी थी. कालानी पर कई आपराधिक मामले हैं. कोर्ट ने 2013 में पप्पू कालानी को हत्या के मामले में उम्रकैद सुनाई थी, जिसके बाद उनकी  विधायकी गई और उनके ताउम्र चुनाव लड़ने पर रोक लग गई है.

मित्रसेन यादव

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उत्तर प्रदेश की फैजाबाद सीट से समाजवादी पार्टी से मित्रसेन यादव सांसद थे, जिन्हें भी अपनी सदस्यता गवांनी पड़ी है.  2009 में धोखाधड़ी के एक मामले में मित्रसेन यादव को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी सांसदी चली गई. 2015 में मित्रसेन यादव का निधन हो गया है.

अशोक चंदेल

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से बीजेपी विधायक रहे अशोक सिंह चंदेल को 22 साल पुराने हत्याकांड में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई. अशोक सिंह चंदेल पर बीजेपी नेता राजीव शुक्ला की हत्या के दोषी पाए गए थे. चंदेल को हाईकोर्ट ने सामूहिक हत्याकांड का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

आशा रानी

मध्य प्रदेश में बीजेपी विधायक आशा रानी और उनके पति पूर्व विधायक भैया राजा को नौकरानी तिज्जी बाई की हत्या मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी. इसके चलते आशा रानी को अपनी विधायकी पद से छोड़ना पड़ा था.

बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर बीजेपी के चौथे विधायक हैं, जिन्हें अदालत ने दोषी करार दिया है और वो पद के अयोग्य साबित हुए हैं और ताउम्र चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार के मामले में अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है और 25 लाख का जुर्माना लगाया गया है.

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