उत्तर-प्रदेश की अखिलेश सरकार का गुरुवार को पहला मंत्रिमंडल विस्तार हो गया. इस मंत्रिमंडल विस्तार में एक को कैबिनेट मंत्री और 11 को राज्यमंत्री बनाया गया है.
सरकार की छवि सुधारने और ऑपरेशन 2014 की तैयारी के मकसद से यह कैबिनेट विस्तार किया गया है. भले ही इसे यूपी सरकार की इमेज सुधारने से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन बाहुबलियों और दागियों को इस विस्तार में जगह मिलने से तमाम सवाल उठने लगे हैं. इस विस्तार में गोंडा के सीएमओ के साथ मारपीट करने वाले पूर्व मंत्री विनोद सिंह उर्फ पंडित की वापसी भी हो गई है.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी को मंत्रिमंडल में बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ दिलाई गई है. बाहुबली से नेता बने अयोध्या के विधायक पवन पांडे को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
सबसे चौंकाने वाला मामला विनोद सिंह उर्फ पंडित सिंह का रहा. पंडित सिंह पर गोंडा के सीएमओ से मारपीट का आरोप है. उसी आरोप में उनसे मंत्री की कुर्सी छिन गई थी, लेकिन इस विस्तार में मंत्रिमंडल में उनकी वापसी हो गई है.
इसके अलावा मनोज पांडे, गयत्री प्रजापति, विजय कुमार मिश्र, राम मूर्ति वर्मा और रामसकल गूजर को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है.
कुछ सियासी विशेषज्ञ इसे लोकसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़ कर देख रहे हैं. ब्राह्मण वोटरों को लुभाने के मकसद से इस विस्तार में सबसे ज्यादा ब्राह्मण विधायकों को जगह दी गई है. माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में एसपी बीजेपी और बीएसपी के ब्राह्मण वोट बैंक में सेंध लगाने की पुरजोर कोशिश करेगी.