उत्तर प्रदेश के दादरी में पिछले साल हुए अखलाक हत्याकांड में पुलिस उसके परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करेगी. ताजा फोरेंसिक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि अखलाक के घर के पास से बरामद मीट बीफ ही था.
पिछले साल 28 सितंबर को भीड़ ने बीफ को लेकर 52 साल के अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इससे पहले मांस के मटन होने का दावा किया जा रहा था. पुलिस ने मीट का सैंपल जांच के लिए लैब भेजा था. इस रिपोर्ट से राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है. इस पूरे मामले से एक बार फिर चुनने की आजादी और धार्मिक असहिष्णुता पर बहस छिड़ गई है.
अखलाक के घर से नहीं मिला था बीफ: पुलिस
बुधवार को स्थानीय पुलिस ने कहा है कि 'इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि अखलाक का परिवार गौ हत्या के लिए जिम्मेदार है.' उनका कहना है कि 'लोग इस
मामले में अखलाक के परिवार के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग कर सकते हैं. लेकिन उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता क्योंकि बीफ घर के अंदर से
बरामद नहीं हुआ था. वह घर के पास एक कचरे के डिब्बे से मिला था.'
कचरे के डिब्बे में था मीट
दादरी के बिसाहड़ा गांव में रहने वाले 52 वर्षीय अखलाक को भीड़ ने पीट पीटकर मार डाला था. उस पर आरोप था कि उसने गौ हत्या कर बीफ खाया था. पहले रिपोर्ट
आई थी कि मीट अखलाक के घर में फ्रिज से बरामद हुआ है. लेकिन बाद में जांचकर्ताओं ने कहा कि मीट कचरे के डिब्बे से मिला था. प्राथमिक जांच में ये बात सामने
आई थी कि मौका-ए-वारदात से बरामद मीट बकरे का था.
अज्ञात लोगों पर होगी FIR
पुलिस का कहना है कि 'अगर गौ हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज की भी गई तो अज्ञात लोगों के खिलाफ की जाएगी क्योंकि अब तक ये साफ नहीं हुआ है कि गौ
वध में कौन शामिल था. इस मामले में सारे पहलुओं पर गौर करने की जरूरत है.' भारत के उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में गौ हत्या पर प्रतिबंध है. गाय को हिंदू घर्म
में पूजा जाता है, जिसे देखते हुए ये पाबंदी लगाई गई है.
अखलाक के परिवार को इंसाफ की दरकार
पूरे मामले पर यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि 'अखलाक के घर से कोई भी आपत्तिजनक चीज बरामद नहीं हुई थी. सबकी नजरें इस मामले पर हैं. सब
चाहते हैं कि पीड़ित अखलाक के परिवार वालों को इंसाफ मिले.'