अलीगढ़ में किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बाद बीती रात राज्य सरकार ने किसानों के नेता रामबाबू कठेलिया को रिहा कर दिया. साथ ही मुआवजे की रकम और जमीन के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं.
किसानों को जमीन के लिए 425 की बजाय 570 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से रकम दी जाएगी, जबकि मरने वालों के परिवारों को 10 लाख का मुआवजा दिए जाने का एलान किया गया है. इसी मसले पर सोमवार सुबह से ही अलीगढ़ के जिकरपुर कस्बे में किसानों का पहुंचना शुरू हो गया था.
लाठी, तलवार और फरसे से लैस किसान बड़े आंदोलन की धमकी दे रहे थे. किसानों के गुस्से को भुनाने के लिए नेताओं का आना-जाना भी दिनभर लगा रहा. आरएलडी के अजित सिंह, बीजेपी के राजनाथ सिंह और समाजवादी पार्टी के शिवपाल सिंह यादव ने यहां आकर सियासत में लगे रहे. इस बीच, सरकार ने हिंसा की जांच और के लिए अलग समिति बनाने का एलान कर दिया है.{mospagebreak}अलीगढ़ में किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर सोमवार को संसद में भी खूब हंगामा मचा और सदन की कार्रवाई तीन बार रोकनी पड़ी. बीजेपी ने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों पर किसानों के खिलाफ दोहरा रुख अपनाने का आरोप लगाया, तो मुलायम सिंह ने सीधा वार किया यूपी की मायावती सरकार पर. कांग्रेस के जगदंबिका पाल ने यूपी सरकार को बर्खास्त करने की मांग रख दी, तो बीएसपी के सतीश मिश्रा ने कहा कि इस पर सियासत बंद होनी चाहिए.