यादव सिंह मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर पीआईएल में उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच का पुरजोर विरोध किया है. सरकार की ओर से महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने कहा कि सरकार ने इस मामले में जस्टिस ए.एन. वर्मा जांच कमीशन बना दिया है, जो जांच के लिए पर्याप्त है. सरकार के वकील ने साफ किया कि सरकार सीबीआई जांच कराने पर तब विचार करेगी जब जांच कमीशन इसकी संस्तुति करेगा.
यादव सिंह मामले में पीआईएल दाखिल करने वाली अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर ने सरकारी वकील के इस तर्क का विरोध जताया. उन्होंने कहा कि एक तो सरकार ने जांच कमीशन को कोई संसाधन मुहैया नहीं कराया है और कोई समय सीमा भी तय नहीं की है. अधिवक्ता नूतन के मुताबिक सरकार एसआईटी के कहने के बाद भी सीबीआई जांच का विरोध इसीलिए कर रही है क्योंकि वह ताकतवर लोगों को बचाना चाहती है.
यूपी सरकार और अधिवक्ता नूतन ठाकुर का पक्ष सुन कर जस्टिस इम्तियाज़ मुर्तजा और जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की बेंच ने राज्य सरकार को हलफनामा दायर के आदेश दिए हैं. अदालत ने नूतन ठाकुर से कहा है कि यदि उन्हें इस पर कोई आपत्ति है तो वे कोर्ट में तथ्य भी रखें. कोर्ट ने प्रतिवादीगण को मामले से सम्बंधित समस्त अभिलेख न्यायालय के सामने रखने के भी आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी.