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मुस्लिमों से कार सेवा की अपील पर यूपी सरकार ने सलाहकार ओमपाल नेहरा को हटाया

उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में मंदिर निर्माण से जुड़े एक विवाद में अपने सलाहकार ओमपाल नेहरा को हटा दिया है. ओमपाल नेहरा ने मुस्लिमों से अपील की थी कि जब राम मंदिर का निर्माण शुरू हो तब वे भी कार सेवा में शामिल हों. नेहरा के इस बयान के बाद यूपी सरकार ने तुरंत हटाने का आदेश जारी कर दिया.

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विहिप ने राम मंदिर मुद्दे को फिर से छेड़ा
विहिप ने राम मंदिर मुद्दे को फिर से छेड़ा

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उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में मंदिर निर्माण से जुड़े एक विवाद में अपने सलाहकार ओमपाल नेहरा को हटा दिया है. ओमपाल नेहरा ने मुस्लिमों से अपील की थी कि जब राम मंदिर का निर्माण शुरू हो तब वे भी कार सेवा में शामिल हों. नेहरा के इस बयान के बाद यूपी सरकार ने तुरंत हटाने का आदेश जारी कर दिया.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ओमपाल नेहरा ने कहा कि बीजेपी के पास राज्य में यही एक मुद्दा है. इसलिए मैंने बुद्धिजीवी तबके और विचारकों से कहा था कि आगे आकर इस मसले का समाधान होना चाहिए.

इससे पहले अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद की ओर से शिला पूजन की खबरों ने अयोध्या मामले को फिर से खबरों में ला दिया है. तमाम दल इसके लिए केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साध रहे हैं तो वहीं इसे 2017 में होने वाले यूपी के विधानसभा चुनावों के लिए माहौल बनाने की कोशिशों के रूप में भी देखा जा रहा है.

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क्या है मामला?
दरअसल, छह महीने पहले देशभर से पत्थर इकट्ठा करने का राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया था. इसी के तहत जमा किए किए पत्थरों से लदे दो ट्रकों ने रविवार को शहर में प्रवेश किया. इसी को लेकर एक बार फिर से राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को हवा मिल गई. हालांकि, राम मंदिर का मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट में विचारधीन है पत्थर लाने के बाद जिला पुलिस सतर्क हो गई है और हालात पर नजर रख रही है.

ओवैसी ने केंद्र पर साधा निशाना
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की ओर से वहां पत्थर और खंभे लाए जाने के काम पर रोक लगाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक किसी भी गतिविधि की मंजूरी नहीं दी जा सकती.

हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि वीएचपी, आरएसएस, बजरंग दल व किसी अन्य संगठन को किसी भी तरह की कार्रवाई से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए.

मोहन भागवत पर साधा निशाना
संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान की ओर इशारा करते हुए ओवैसी ने पूछा कि उनका जीवन क्या सुप्रीम कोर्ट की गरिमा से ज्यादा महत्वपूर्ण है. भागवत ने एक बयान में कहा था कि वह अपने जीवन काल में अयोध्या में भव्य राम मंदिर देखना चाहते हैं.

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'ISIS के प्रचार तंत्र से भ्रमित ना हों मुस्लिम'
ओवैसी ने भारत के मुसलमानों को इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा इंटरनेट पर फैलाए जा रहे प्रचार तंत्र से भ्रमित न होने और अपनी क्षमता को वकील, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी व चिकित्सक बनने में लगाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि इससे उन निर्दोष मुसलमानों को फायदा होगा, जो विभिन्न राज्यों में जेलों में बंद हैं, गरीबी और बीमारी से दम तोड़ रहे बच्चों का जीवन बचाने में मदद मिलेगी और देश के विकास में योगदान मिलेगा.

सभी देशवासी राम मंदिर चाहते हैं: नायडू
इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने यह कहते हुए मुद्दे को हवा दे दी कि सभी देशवासी राम मंदिर चाहते हैं. नायडू ने शीतकालीन सत्र को लेकर मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कही. केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू का बयान ऐसे वक्त पर आया है जब अयोध्या में वीएचपी की ओर से मंदिर निर्माण के लिए पत्थर लाने की बात कही जा रही है.

सरकार मान रही है कोर्ट का आदेश: नकवी
खबरों के मुताबिक, राम जन्मभूमि न्यास (ट्रस्ट) ने अयोध्या में उस स्थान पर मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है, जहां बाबरी मस्जिद गिराया गया था. इसका जवाब देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उनकी पार्टी इस मामले में कोर्ट के आदेशों का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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मायावती बोलीं- सपा सरकार फेल
समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस के सदस्यों ने भी त्यागी का समर्थन किया. बसपा नेता मायावती ने बीजेपी और आरएसएस पर राम मंदिर मुद्दे को एक बार फिर उठाकर राजनीतिक लाभ उठाने के प्रयास का आरोप लगाया. मायावती ने कहा कि अगर अयोध्या में कुछ भी गैरकानूनी तरीके से हो रहा है तो उसे रोकना यूपी सरकार की जिम्मेदारी है. लेकिन यूपी सरकार फेल हो गई. उन्होंने कहा, 'अपने कार्यकाल में हमने कभी भी ऐसी किसी गतिविधि को नहीं घटने दिया.'

उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं होना चाहिए, जिससे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना हो. कानून-व्यवस्था बनाए रखना उत्तर प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है.

यूपी सरकार सोशल मीडिया पर रख रही है नजर
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को अयोध्या में राम मंदिर पर बढ़ रहे विवाद पर संज्ञान में लेते हुये निर्देश दिए हैं कि अयोध्या में किसी भी तरह के विवाद को हवा न मिले. वहीं, सोशल मीडिया पर भी नजर रखने की हिदायत दी गई है ताकि अयोध्या विवाद को लेकर किसी भी प्रकार के भ्रामक मैसेज लोगों के बीच वायरल न हो पाएं.

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